लडकियों महिलाओं पर छेडखानी होने पर लगायी जाने वाली धाराये
भारतीय दण्ड संहिता की धारा-354 डी - मर्जी के खिलाफ कोई शख्स पीछा करता है या फिर उससे संपर्क साधने की किसी भी तरह से कोशिश करता है तो इस मामले में महिला की शिकायत पर के तहत केस दर्ज किए जाने का प्रावधान है। पीछा करने के मामले में दोषी पाए जाने पर 3 साल तक कैद, कानूनी बदलाव के बाद दोषी करार दिए जाने पर 5 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान किया गया। इसमें कम से कम एक साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया। छेड़छाड़ को गैरजमानती बनाया गया है। पहले जमानती था।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा-326 ए और 326 बी - एसिड अटैक में अलग प्रावधान : एसिड अटैक के मामले में भी सख्त कानूनी प्रावधान किए गए हैं। एसिड अटैक मामले के लिए के तहत केस दर्ज होंगे। अधिकतम उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है। एंटी रेप लॉ कानून में महिलाओं के खिलाफ होने वाले सेक्सुअल अपराध के मामले में सख्त कानूनी प्रावधान किए गए हैं।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा-354 बी - बल प्रयोग करने पर सख्त सजा : के तहत कानूनी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई शख्स किसी महिला के खिलाफ बल का प्रयोग करता है और उसे कपड़े उतारने पर मजबूर करता है या फिर उकसाता है तो वह अपराध होगा और ये मामला गैरजमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस मामले में दोषी को कम से कम 3 साल और ज्यादा से ज्यादा 7 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा-354 कोई शख्स किसी महिला की प्राइवेट एक्ट की तस्वीर
लेता है या फिर उसे लोगों में फैलाता है तो सी के तहत आरोपी होगा। पहली बार दोषी
पाए जाने पर एक से 3 साल जबकि दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 3
से 7 साल तक सजा का प्रावधान किया गया है।
भारतीय दण्ड संहिता धारा-354 में कई उपधाराएं भी बनाई गईं। धारा-354 ए, 354 बी, 354 सी और 354 डी का प्रावधान किया गया है। धारा-354ए में चार पार्ट हैं।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा-354 ए पार्ट 4 के तहत सेक्सुअल कॉमेंट पर भी सजा : अगर कोई शख्स किसी महिला पर सेक्सुअल कॉमेंट करता है, तो वह अपराध होगा। इन मामलों में एक साल से लेकर तीन साल तक कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। वैसे ये तमाम मामले जमानती होंगे, लेकिन ये संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। महिला की शिकायत पर पुलिस को संज्ञान लेते हुए केस दर्ज करना होगा
भारतीय दण्ड संहिता की धारा-354 ए पार्ट 1
- सेक्सुअल
नेचर के लिए छूना भी अपराध में प्रावधान है कि अगर कोई शख्स किसी महिला के साथ यौन
प्रकृति लिए उसके शरीर को छूता है तो वह यौन प्रकृति का कंडक्ट कहा जाएगा।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा-354 ए पार्ट 2 में कहा गया है कि अगर कोई शख्स किसी भी लड़की या फिर महिला से सेक्सुअल प्रकृति का आग्रह करता है या मांग करता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा-354 ए पार्ट 3 के तहत अगर कोई शख्स किसी महिला को उसकी मर्जी के बिना पोर्नोग्राफी दिखाता है तो वह अपराध होगा
भारतीय दण्ड संहिता धारा 376 के अंतर्गत किसी महिला से कोई अन्य पुरुष उसकी इच्छा एवं सहमति के बिना या भयभीत कर सहमति प्राप्त कर अथवा उसका पति बनकर या उसकी मानसिक स्थिति का लाभ उठाकर या 16 वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ उसकी सहमति से दैहिक संबंध करना या 15 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ उसके पति द्वारा संभोग, कोई पुलिस अधिकारी, सिविल अधिकारी, प्रबंधन अधिकारी, अस्पताल के स्टाफ का कोई व्यक्ति गर्भवती महिला, 12 वर्ष से कम आयु की लड़की जो उनके अभिरक्षण में हो, अकेले या सामूहिक रूप से बलात्कार करता है, इसे विशिष्ट श्रेणी का अपराध माना जाकर विधान में इस धारा के अंतर्गत कम से कम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है।
ऐसे प्रकरणों का विचारण न्यायालय द्वारा बंद कमरे में धारा
372 (2) दण्डप्रक्रिया संहिता के अंतर्गत किया जाएगा।
'बलात्कार करने के आशय से किए गए हमले से बचाव हेतु हमलावर
की मृत्यु तक कर देने का अधिकार महिला को है' (धारा 100
दण्ड संहिता के अनुसार),दूसरी बात साक्ष्य अधिनियम की धारा 114 (ए) के अनुसार बलात्कार के प्रकरण में न्यायालय के समक्ष पीड़ित महिला यदि यह
कथन देती है कि संभोग के लिए उसने सहमति नहीं दी थी, तब
न्यायालय यह मानेगा कि उसने सहमति नहीं दी थी। इस तथ्य को नकारने का भार आरोपी पर
होगा।
दहेज, महिलाओं का स्त्री धन होता है। यदि दहेज का
सामान ससुराल पक्ष के लोग दुर्भावनावश अपने कब्जे में रखते हैं तो धारा 405-406
भारतीय दण्ड संहिता का अपराध होगा। विवाह
के पूर्व या बाद में दबाव या धमकी देकर दहेज प्राप्त करने का प्रयास धारा 3/4
दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अतिरिक्त धारा 506 भारतीय दण्ड संहिता का भी अपराध होगा। यदि धमकी
लिखित में दी गई हो तो धारा 507 भारतीय दण्ड संहिता. का अपराध बनता है। दहेज लेना तथा देना दोनों अपराध हैं।
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