सडक दुर्घटना या वाहन दुर्घटना में लागने वाली धारा | Section involving road accident or vehicle accident

सडक दुर्घटना या वाहन दुर्घटना में लागने वाली धारा

Section involving road accident or vehicle accident

                भारत गांवो का देश है जिसमें भिन्‍न भिन्‍न प्रकार के व्‍यक्ति निवास करते है, भारत की अधिकतर जनसंख्‍या गांवो में निवास करती है। भारत देश में विभिन्‍न प्रकार के वाहनों का उपयोग व्‍यक्तिगत एवं व्‍यापारिक कार्यो में किया जाता है। वर्तमान समय में ऐसे कोई भी कार्य नही है, जिसमें वाहन का उपयोग नही किया जा रहा है समस्‍त प्रकार के कार्यो चाहे वह कृषि से संबंधित हो, माल को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक ले जाने के लिये, किसी व्‍यक्ति को आने जाने के लिये, मरीजों के लिये, अन्‍य समस्‍त कार्यो के लिये वाहन का अत्‍याधिक प्रयोग किया जाता है।

  भारत देश एक ऐसा देश वन गया है जिसमें अधिकतर व्‍यक्तियों के पास वाहन है। अपनी अपनी आवश्‍यकता के अनुसार व्‍यक्तियों के पास विभिन्‍न प्रकार के वाहन उपलब्‍ध है। वर्तमान समय में वाहनों के कारण प्रत्‍येक व्‍यक्ति की आय बढ रही है, क्‍यो‍कि मानवीय शक्ति के अपेक्षा मशीनरी शक्ति पर ज्‍यादा ध्‍यान दिया जा रहा है जो सही भी है क्‍योकि इससे समय पैसे आदि की बचत है।

भारत देश में प्रत्‍येक प्रकार के वाहन को चलाने के लिये लाईसेस की आवश्‍यकता होती है, बिना लाईसेस के किसी भी वाहन को चालना भारत में कानूनी अपराध है। जिसमें कानूनी प्रावधानों के अनुसार जेल व जुर्माना या दोनो हो सकते है।

 


दुघटना होने के कारण

             भारत की जनसंख्‍या अन्‍य देशों की अपेक्षा अधिक है, जिसमें विभिन्‍न प्रकार के व्‍यक्ति निवास करते है एवं विभिन्‍न प्रकार के वाहनों का अपनी आवश्‍यकतानुसार उपयोग करते है। निम्‍न कारणों के कारण वाहन दुर्घटना घटित होती है-

1.  वाहनों को लापरवाही पूर्वक चलाना – सडको पर व्‍यक्तियों के द्वारा वाहनों को लापरवाही पूर्वक चालने से दुर्घटना घटित होने की पूर्ण सम्‍भावना बनी रहती है।

2.  तीव्र गति से वाहनों को चलाना – वाहनों के निर्धारित गति से अधिक की गति से वाहनों को चालाते समय दुर्घटना होने सम्‍भव है क्‍योकि तेज गति से वाहन चालने से वाहन को सही समय पर नियंत्रण करना व‍हुत कठिन कार्य होते है, जिससे दो वाहन आपस में या किसी अन्‍य व्‍यक्ति को क्षति कारित करते है।

3.  शराब या मादक पदार्थ के सेवन उपरांत वाहन को चलाना – व्‍यक्तियों के द्वारा शराब एवं मादर्क पदार्थो के सेवन के उपरांत वाहन को चलाते है, सब से ज्‍यादा दुर्घटना इन्‍ही कारण के कारण होती है क्‍यो‍कि माद‍र्क पदार्थो के सेवन उपरांत व्‍यक्ति की मानसिक शक्ति कार्य नही करती है एव अनियत्रित होकर दुर्घटना होने की सम्‍पूर्ण सम्‍भावना होती है।

4.  सरकारी नियमों के पालन न करने पर – वाहन चलाने के लिये सरकार के द्वारा जो दिशा निर्देश जारी किये जाने है व्‍यक्ति उनका पालन नही करते है एवं अपने अनुसार वाहन को चलाते है जिससे दुर्घटना घटित होती है।

5.  क्षमता से अधिक भार होने पर – वाहनों में व्‍यक्ति अपने फायदे के लिये क्षमता से अधिक भार भरकर एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर ले जाते है इससे वाहन अनियत्रित होने की सम्‍भावना वनी रहती है और दुर्घटना घटित हो जाती है।

 


 वाहन को चलाने के लिये आवश्‍यक दस्‍तावेज

1.  वाहन को चलाने के लिये ड्राईविग लाईसेस

2.  वाहन के दस्‍तावेज

1.  रजिस्‍ट्रेशन कार्ड

2.  वाहन का बीमा

3.  पी.यू.सी. प्रमाण पत्र

4.  वाहन का फिटनिस प्रमाण पत्र आदि

3.  वाहन मालिक का जीवन बीमा

4.  वाहन का परमिट प्रमाण पत्र आदि अन्‍य दस्‍तावेज जो वाहन अधिनियम में वर्णित है।

 

वाहन दुर्घटना क्‍या होती है –

जब किसी व्‍यक्ति के द्वारा वाहन को चलाते समय किसी व्‍यक्ति, वाहन, माल या सम्‍पत्ति आदि को क्षति या नुकसान कारित होता है, उसे मोटर दुर्घटना के नाम से जाना जाता है।

मोटर यान अधिनियम 1988 मेंइसकी सम्‍पूर्ण विवरण के लिये प्रथृक से पोस्‍ट बनायी गयी है।

 


वाहन दुर्घटना होने पर लगने वाली धाराये एवं अपराध


      वाहन दुर्घटना में दुर्घटना घटित होने के अनुसार धाराओ का प्रावधान है जिसमें घटना के स्‍वरूप के अनुसार धाराये लगायी जाती है, जिनका विवरण निम्‍नानुसार है-

1. 


भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 279 -  जो कोई किसी लोक मार्ग पर ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से कोई उलाएगा या सवार होकर हांकेगा जिससे मानव जीवन संकटापत्र हो जाए या किसी अन्‍य व्‍यक्ति को उपहति या क्षति कारित होना सम्‍भाव्‍य हो, वह दोनों मे से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास की हो सकेगी, या जुर्माना एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

सरल शब्‍दो में – भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 279 का प्रयोग जब किया जाता है जब किसी व्‍यक्ति के द्वारा वाहन सार्वजनिक स्‍थान पर चलाते समय मानव जीवन को क्षति पहुचने का सम्‍भावना होती है, जिससे किसी व्‍यक्ति को जान एवं माल की क्षति होने की सम्‍भावना बन जाती है एवं साधारण चोट आती है, वहां पर धारा 279 का प्रयोग किया जाता है । यह धारा सिर्फ मानव जीवन को खतरे होने पर ही कारित होती है अन्‍य जीव जन्‍तु पर नही।

उदाहरण के लिये – किसी सार्वजनिक स्‍थल पर अगर किसी कुत्‍ते या अन्‍य जीव को क्षति कारित होती है तो इस धारा का प्रयोग नही किया जा सकता।

2.    


भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 337 एवं 338 - किसी कार्य द्वाराजिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा होगंभीर चोट पहुँचाना कारित करना।

सजा - दो वर्ष कारावास या एक हजार रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है ।

सरल शब्‍दो में -   भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 337 एवं 338 उस व्‍यक्ति के उपर कारित की जाती है जो किसी व्‍यक्ति के सुरक्षा को खतरे में डालकर उसको गंभीर चोट पहुचाता है अर्थात जब किसी व्‍यक्ति के द्वारा वाहन को इस प्रकार चलाया जाता है जिसमें किसी व्‍यक्ति को गंभी चोट आती है जैसे शरीर क किसी हड्डी का टूट जाना, फैक्‍चर हो जाना आदि उस स्थिति में धारा 337 एवं 338 का प्रावधान होता है।

 

3. 


भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 304 (ए) - उपेक्षा द्वारा मॄत्यु कारित करना।

इस धारा में 02 वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनेा हो सकता है।

 

सरल शब्‍दो में -  भारतीयदण्‍ड संहिता की धारा 304 (ए) वह कहलाती है जिसमें किसी व्‍यक्ति के द्वारा असावधानी पूर्वक या लापरवाही से या तेज गति से किसी व्‍यक्ति की मृत्‍यु कारित हो जाती है, उस‍ स्थिति में धारा 304 (ए) का प्रावधान होता है। 304 (ए) धारा भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 399 में वार्णित आपराधिक मानव वध के अंतर्गत नही आती है क्‍योकि इस धारा के अंतर्गत जिस व्‍यक्ति की मृत्‍यु कारित हुई है वह असावधानी व बिना किसी उदेश्‍य के जानबूज के कारित नही की जाती है जो कि वाहन दुर्घटना के समय होती है।

 


4. वाहन यान अधिनियम की  धाराये –

1.  ड्राईविग लाईसेस न होने की स्थिति में – धारा 181

2.  शराब पीकर गाडी चलाना – धारा 185

3.  बिना इंश्‍योरेस के गाडी चलाना –  धरा 196

4.  तय स्‍पीड से अधिक तेज चलाने – धारा 182

5.  बिना लाईसेस के अनाधिकृत वाहन को चलाने पर – धारा 180

 

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नोट - 

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