All Articles of the Indian Constitution including Chapters|भारतीय संविधान के समस्त अनुच्छेद अध्याय सहित
All Articles of the Indian Constitution including Chapters|भारतीय संविधान के समस्त अनुच्छेद अध्याय सहित
भारत का
संविधान राज्यों का एक संघ है। संविधान संसदीय प्रणाली के साथ एक संप्रभु समाजवादी
धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य है। गणतंत्र भारत के संविधान के संदर्भ में
शासित है, जिसे 26 नवंबर,
1949 को संविधान सभा द्वारा पेश किया गया था और यह 26 जनवरी, 1950 को पुरे भारत में लागू हुआ था। संघ की
कार्यपालिका का संवैधानिक प्रमुख भारत का प्रथम आदमी (राष्ट्रपति) होता है।
भारतीय संविधान
दुनिया का बडा लिखित संविधान है, जिसमें 395 अनुच्छेद, 22 भागों और 12 अनुसूचियों है। भारत का संविधान
नागरिकों और सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली और अपनाई जाने वाली संहिता, प्रक्रियाओं, अधिकारों, कर्तव्यों,
नियमों और विनियमों का सीमांकन है।
संविधान
निर्माण में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की मुख्य भूमिका है एवं "भारतीय संविधान
के जनक" है। संविधान 26 नवंबर 1949 को भारत
की संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950
को लागू हुआ था जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रारंभ के समय, इसमें 225 लेख 22
भागों और 8 अनुसूचियों में थे। अब तक संविधान
में 104 संशोधन किए जा चुके हैं। भारतीय संविधान के समस्त भाग
एवं अनुच्छेद एवं निम्नानुसार है-
भाग |
विषय |
अनुच्छेद |
भाग 1 |
संघ और उसका राज्य
क्षेत्र |
(अनुच्छेद
1-4) |
अनुच्छेद 1
- संघ का नाम और राज्यक्षेत्र |
||
अनुच्छेद 2
- नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना |
||
अनुच्छेद 3
- नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों,
सीमाओं या नामों में परिवर्तन |
||
अनुच्छेद 4
- पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक, आनुषंगिक और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियाँ |
||
भाग 2 |
नागरिकता |
(अनुच्छेद
5-11) |
अनुच्छेद 5
- संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता |
||
अनुच्छेद 6
- पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के
नागरिकता के अधिकार |
||
अनुच्छेद 7
- पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के
अधिकार |
||
अनुच्छेद 8
- भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के
नागरिकता के अधिकार |
||
अनुच्छेद 9
- विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों
का नागरिक न होना |
||
अनुच्छेद 10
- नागरिकता के अधिकारों का बना रहना |
||
अनुच्छेद 11
- संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया
जाना |
||
भाग 3 |
मूलभूत अधिकार |
(अनुच्छेद
12 - 35) |
साधारण |
(अनुच्छेद
12 - 13) |
|
अनुच्छेद 12
- परिभाषा |
||
अनुच्छेद 13
- मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियाँ |
||
|
समता का अधिकार |
(अनुच्छेद
13 - 22) |
अनुच्छेद 13-3
- अनुच्छेद 13 के उपश्रेणी 3 |
||
अनुच्छेद 14
- विधि के समक्ष समता |
||
अनुच्छेद 15
- धर्म, मूलवंश, जाति,
लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध |
||
अनुच्छेद 15-3
- अनुच्छेद 15 के उपश्रेणी 3 |
||
अनुच्छेद 15-4
- अनुच्छेद 15 के उपश्रेणी 4 |
||
अनुच्छेद 15-5
- अनुच्छेद 15 के उपश्रेणी 5 |
||
अनुच्छेद 16
- लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता |
||
अनुच्छेद 16-4
- अनुच्छेद 16 के उपश्रेणी 4 |
||
अनुच्छेद 16-4A
- अनुच्छेद 16 के उपश्रेणी 4A |
||
अनुच्छेद 16-4B
- अनुच्छेद 16 के उपश्रेणी 4B |
||
अनुच्छेद 17
- अस्पृश्यता का अंत |
||
अनुच्छेद 18
- उपाधियों का अंत |
||
अनुच्छेद 19
- वाक्-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण |
||
अनुच्छेद 19-1A
- अनुच्छेद 19 के उपश्रेणी 1A |
||
अनुच्छेद 19-1B
- अनुच्छेद 19 के उपश्रेणी 1B |
||
अनुच्छेद 19-1G
- अनुच्छेद 19 के उपश्रेणी 1G |
||
अनुच्छेद 19-2
- अनुच्छेद 19 के उपश्रेणी 2 |
||
अनुच्छेद 20
- अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण |
||
अनुच्छेद 20-1
- अनुच्छेद 20 के उपश्रेणी 1 |
||
अनुच्छेद 20-3
- अनुच्छेद 20 के उपश्रेणी 3 |
||
अनुच्छेद 21
- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण |
||
अनुच्छेद 21A
- शिक्षा का अधिकार |
||
अनुच्छेद 22
- कुछ दशाओं में गिरपतारी और निरोध से संरक्षण |
||
|
शोषण के विरूद्ध
अधिकारी |
(अनुच्छेद
23 - 24) |
अनुच्छेद 23
- मानव के दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध |
||
अनुच्छेद 24
- कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध |
||
|
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकारी |
(अनुच्छेद
25 - 28) |
अनुच्छेद 25
- अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता |
||
अनुच्छेद 26
- धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता |
||
अनुच्छेद 27
- किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे
में स्वतंत्रता |
||
अनुच्छेद 28
- कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में
उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता |
||
|
संस्कृति एवं शिक्षा
संबंधी अधिकार |
(अनुच्छेद
29 - 31) |
अनुच्छेद 29
- अल्पसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण |
||
अनुच्छेद 29-1
- अनुच्छेद 29 के उपश्रेणी 1 |
||
अनुच्छेद 29-2
- अनुच्छेद 29 के उपश्रेणी 2 |
||
अनुच्छेद 30
- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का
अल्पसंख्यक-वर्गों का अधिकार |
||
अनुच्छेद 30-1
- अनुच्छेद 30 के उपश्रेणी 1 |
||
अनुच्छेद 31
- संपत्ति का अनिवार्य अर्जन |
||
|
कुछ विधियों की व्यावृत्ति |
(अनुच्छेद
31 ए - 31 डी) |
अनुच्छेद 31A
- संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की
व्यावृत्ति |
||
अनुच्छेद 31B
- कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण |
||
अनुच्छेद 31C
- कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की
व्यावृत्ति |
||
अनुच्छेद 31D
- निरसित |
||
|
सांविधानिक उपचारों
का अधिकार |
(अनुच्छेद
32 - 35) |
अनुच्छेद 32
- इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए
उपचार |
||
अनुच्छेद 33
- इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों
आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति |
||
अनुच्छेद 34
- जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा
प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन |
||
अनुच्छेद 35
- इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान |
||
अनुच्छेद 35-A
- अनुच्छेद 35 के उपश्रेणी A |
||
भाग 4 |
राज्य के नीति निदेशक
तत्त्व |
(अनुच्छेद
36 - 51) |
अनुच्छेद 36
- परिभाषा |
||
अनुच्छेद 37
- इस भाग में अंतर्विष्ट तत्त्वों का लागू होना |
||
अनुच्छेद 38
- राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा |
||
अनुच्छेद 39
- राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्त्व |
||
अनुच्छेद 39A
- समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता |
||
अनुच्छेद 40
- ग्राम पंचायतों का संगठन |
||
अनुच्छेद 41
- कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता
पाने का अधिकार |
||
अनुच्छेद 42
- काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का
उपबंध |
||
अनुच्छेद 43
- कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि |
||
अनुच्छेद 44
- नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता |
||
अनुच्छेद 45
- बालकों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध |
||
अनुच्छेद 46
- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और
अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि |
||
अनुच्छेद 47
- पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्नय का
सुधार करने का राज्य का कर्तव्य |
||
अनुच्छेद 48
- कृषि और पशुपालन का संगठन |
||
अनुच्छेद 49
- राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों
और वस्तुओं का संरक्षण |
||
अनुच्छेद 50
- कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण |
||
अनुच्छेद 51
- अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि |
||
भाग 4A |
मूल कर्तव्य |
(अनुच्छेद
51A) |
अनुच्छेद 51A - मूल कर्तव्य |
||
भाग 5 |
संघ |
(अनुच्छेद 52-151) |
|
कार्यपालिका |
|
|
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति
|
(अनुच्छेद
52-73) |
अनुच्छेद 52
- भारत का राष्ट्रपति |
||
अनुच्छेद 53
- संघ की कार्यपालिका शक्ति |
||
अनुच्छेद 54
- राष्ट्रपति का निर्वाचन |
||
अनुच्छेद 55
- राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति |
||
अनुच्छेद 56
- राष्ट्रपति की पदावधि |
||
अनुच्छेद 57
- पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता |
||
अनुच्छेद 58
- राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताए |
||
अनुच्छेद 59
- राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें |
||
अनुच्छेद 60
- राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान |
||
अनुच्छेद 61
- राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया |
||
अनुच्छेद 62
- राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का
समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि |
||
अनुच्छेद 63
- भारत का उपराष्ट्रपति |
||
अनुच्छेद 65
- राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी
अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके
कृत्यों का निर्वहन |
||
अनुच्छेद 66
- उपराष्ट्रपति का निर्वाचन |
||
अनुच्छेद 67
- उपराष्ट्रपति की पदावधि |
||
अनुच्छेद 69
- उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान |
||
अनुच्छेद 70
- अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन |
||
अनुच्छेद 72
- क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति |
||
अनुच्छेद 73
- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार |
||
|
मंत्री परिषद् |
(अनुच्छेद
74-75) |
अनुच्छेद 74
- राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद |
||
अनुच्छेद 75
- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध |
||
|
भारत का महान्यायवादी |
(अनुच्छेद 76) |
|
अनुच्छेद 76
- भारत का महान्यायवादी |
|
|
सरकारी कार्य का संचालन |
(अनुच्छेद 77-78) |
|
अनुच्छेद 77
- भारत सरकार के कार्य का संचालन |
|
|
अनुच्छेद 78
- राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के
कर्तव्य |
|
|
संसद |
|
|
संसद |
(अनुच्छेद
79-88) |
अनुच्छेद 79
- संसद का गठन |
||
अनुच्छेद 80
- राज्य सभा की संरचना |
||
अनुच्छेद 81
- लोकसभा की संरचना |
||
अनुच्छेद 83
- संसद के सदनों का अवधि |
||
अनुच्छेद 84
- संसद की सदस्यता के लिए अर्हता |
||
अनुच्छेद 85
- संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन |
||
अनुच्छेद 86
- सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्ट्रपति का
अधिकार |
||
अनुच्छेद 87
- राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण |
||
अनुच्छेद 88
- सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के अधिकार |
||
|
संसद के अधिकारी |
(अनुच्छेद
89-100) |
अनुच्छेद 89
- राज्य सभा का सभापति और उपसभापति |
||
अनुच्छेद 91
- सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में
कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति |
||
अनुच्छेद 92
- जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन
है तब उसका पीठासीन न होना |
||
अनुच्छेद 93
- लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष |
||
अनुच्छेद 95
- अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में
कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति |
||
अनुच्छेद 99
- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान |
||
अनुच्छेद 100
- सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए
भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति |
||
|
सदस्यों की
निरर्हताए |
(अनुच्छेद
100-104) |
अनुच्छेद 101
- स्थानों का रिक्त होना |
||
अनुच्छेद 102
- सदस्यता के लिए निरर्हताएँ |
||
अनुच्छेद 103
- सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय |
||
अनुच्छेद 104
- अनुच्छेद 99 के अधीन शपथ लेने या
प्रतिज्ञान करने से पहले या आर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और
मत देने के लिए शक्ति |
||
|
संसद और उसके सदस्यों
की शक्तियों विशेषधिकार और उन्मुक्तियां |
(अनुच्छेद
105-111) |
अनुच्छेद 105
- संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियाँ,
विशेषाधिकार आदि |
||
अनुच्छेद 108
- कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक |
||
अनुच्छेद 109
- धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया |
||
अनुच्छेद 110
- धन विधेयक की परिभाषा |
||
अनुच्छेद 111
- विधेयकों पर अनुमति |
||
|
वित्तीय विषयों के
संबंध में प्रक्रिया |
(अनुच्छेद
112-117) |
अनुच्छेद 112
- वार्षिक वित्तीय विवरण |
||
अनुच्छेद 114
- विनियोग विधेयक |
||
अनुच्छेद 115
- अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान |
||
अनुच्छेद 116
- लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान |
||
अनुच्छेद 117
- वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध |
||
|
साधारण प्रक्रिया |
(अनुच्छेद
118-122) |
अनुच्छेद 118
- प्रक्रिया के नियम |
||
अनुच्छेद 119
- संसद के वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा
विनियमन |
||
अनुच्छेद 120
- संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा |
||
अनुच्छेद 121
- संसद में चर्चा पर निर्बन्धन |
||
अनुच्छेद 122
- न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जाँच न किया जाना |
||
|
राष्ट्रपति की विधायी
शक्तियां |
(अनुच्छेद
123) |
अनुच्छेद 123
- संसद के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की
राष्ट्रपति की शक्ति |
||
|
संघ की न्यायपालिका
|
(अनुच्छेद
124-147) |
अनुच्छेद 124
- उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन |
||
अनुच्छेद 124-4
- अनुच्छेद 124 के उपश्रेणी 4 |
||
अनुच्छेद 125
- न्यायाधीशों के वेतन आदि |
||
अनुच्छेद 126
- कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति |
||
अनुच्छेद 127
- तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति |
||
अनुच्छेद 128
- उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की
उपस्थिति |
||
अनुच्छेद 129
- उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना |
||
अनुच्छेद 130
- उच्चतम न्यायालय का स्थान |
||
अनुच्छेद 131
- उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता |
||
अनुच्छेद 132
- कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम न्यायालय
की अपीली अधिकारिता |
||
अनुच्छेद 133
- उच्च न्यायालयों से सिविल विषयों से संबंधित अपीलों में उच्चतम
न्यायालय की अपीली अधिकारिता |
||
अनुच्छेद 134
- दांडिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता |
||
अनुच्छेद 134A
- उच्चतम न्यायालय में अपील के लिए प्रमाणपत्र |
||
अनुच्छेद 135
- विद्यमान विधि के अधीन फेडरल न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों
का उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य होना |
||
अनुच्छेद 136
- अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत |
||
अनुच्छेद 137
- निर्णयों या आदेशों का उच्चतम न्यायालयों द्वारा पुनर्विलोकन |
||
अनुच्छेद 138
- उच्चतम न्यायालय अधिकारिता की वृद्धि |
||
अनुच्छेद 139
- कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त
किया जाना |
||
अनुच्छेद 141
- उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर
आबद्धकर होना |
||
अनुच्छेद 142
- उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन और
प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश |
||
अनुच्छेद 143
- उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति |
||
अनुच्छेद 144
- सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की
सहायता में कार्य किया जाना |
||
अनुच्छेद 145
- न्यायालय के नियम आदि |
||
अनुच्छेद 147
- निर्वचन |
||
|
भारत का नियत्रक
महालेखपरीक्षक |
(अनुच्छेद
148-151) |
अनुच्छेद 148
- भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक |
||
अनुच्छेद 150
- संघ के और राज्यों के लेखाओं का प्रारूप |
||
अनुच्छेद 151
- संपरीक्षा प्रतिवेदन |
||
भाग 6 |
राज्य |
(अनुच्छेद
152) |
अनुच्छेद 152
– परिभाषा |
||
|
राज्यपाल |
(अनुच्छेद
153 -164) |
अनुच्छेद 153
- राज्यों के राज्यपाल |
||
अनुच्छेद 154
- राज्य की कार्यपालिका शक्ति |
||
अनुच्छेद 155
- राज्यपाल की नियुक्ति |
||
अनुच्छेद 156
- राज्यपाल की पदावधि |
||
अनुच्छेद 161
- क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति |
||
अनुच्छेद 162
- राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार |
||
अनुच्छेद 163
- राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद |
||
अनुच्छेद 164
- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध |
||
|
राज्य का महाधिवक्ता
|
(अनुच्छेद 165 ) |
|
अनुच्छेद 165
- राज्य का महाधिवक्ता |
|
|
सरकारी कार्य का संचालन
|
(अनुच्छेद
166 -167) |
अनुच्छेद 166
- राज्य की सरकार के कार्य का संचालन |
||
अनुच्छेद 167
- राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्मंत्री के
कर्तव्य |
||
|
राज्य का विधान-मंडल
|
(अनुच्छेद
168 -177) |
अनुच्छेद 168
- राज्यों के विधान-मंडलों का गठन |
||
अनुच्छेद 169
- राज्यों में विधान परिषदों का उत्सादन या सृजन |
||
अनुच्छेद 170
- विधानसभाओं की संरचना |
||
अनुच्छेद 171
- विधान परिषदों की संरचना |
||
अनुच्छेद 172
- विधान मंडलों की अवधि |
||
अनुच्छेद 173
- सदस्यता के लिए अर्हता |
||
अनुच्छेद 174
- विधान मंडल के सत्र, सत्रावसान और विघटन |
||
अनुच्छेद 175
- सदन या सदनों में अभिभाषण का और उनकों संदेश भेजने का राज्यपाल
का अधिकार |
||
अनुच्छेद 176
- राज्यपाल का विशेष अभिभाषण |
||
अनुच्छेद 177
- सदनों के बारे में मंत्रियों औ महाअधिवत के अधिकार |
||
|
राज्य के विधान मंडल
के अधिकारी |
(अनुच्छेद
178 -187) |
अनुच्छेद 178.
विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष- |
||
अनुच्छेद 179.
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग
और पद से हटाया जाना- |
||
अनुच्छेद 180
अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूंप में
कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति |
||
अनुच्छेद 181
जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन
है, तब उसका पीठासीन न होना- |
||
अनुच्छेद182
विधान परिषद का सभापति और उपसभापति- |
||
अनुच्छेद 183
सभापति और उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग
और पद से हटाया जाना- |
||
अनुच्छेद 184
सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूंप में
कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति- |
||
अनुच्छेद 185
जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है,
तब उसका पीठासीन न होना- |
||
अनुच्छेद 186
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते |
||
अनुच्छेद 187
राज्य के विधान-मंडल का सचिवालय- |
||
|
कार्य संचालन |
(अनुच्छेद
188 -189) |
अनुच्छेद 188 सदस्यो द्वारा शपथ एवं प्रतिज्ञान |
||
अनुच्छेद 189
सदनों में मतदान रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की
शक्ति और गणपूर्ति |
||
|
सदस्यों की निरर्हताए |
(अनुच्छेद
190 -193) |
अनुच्छेद 190 स्थानों का रिक्त होना |
||
अनुच्छेद 191
- सदस्यता के लिए निरर्हताएँ |
||
अनुच्छेद 192
सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय |
||
अनुच्छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञा करनेसे पहले
या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने औरमत देने के लिए शास्ति |
||
अनुच्छेद 192 - अनुच्छेद 194 - विधान-मंडलों
के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियाँ, विशेषाधिकार,
आदि |
||
अनुच्छेद 193 -अनुच्छेद 188 के अधीन
शपथ लेने या प्रतिज्ञा करनेसे पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने
पर बैठने औरमत देने के लिए शास्ति |
||
|
राज्यों के विधान
मंडलो और उनके सदस्यों की शक्तियां विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां |
(अनुच्छेद
194 -195) |
अनुच्छेद 194 -विधान
मंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां विशेषाधिकार आदि |
||
अनुच्छेद 195 -सदस्यों के वेतन और भत्ते |
||
|
विधायी प्रक्रिया |
(अनुच्छेद
196 -201) |
अनुच्छेद 196- पारित किए
जाने के संबंध में उपंबंध |
||
अनुच्छेद 197- धन विधेयक से भिन्न विधेयकों के बारे में
विधान परिषद की शक्तियों पर निर्बधन |
||
अनुच्छेद 198- धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया |
||
अनुच्छेद 199- धन विधेयक की परिभाषा |
||
अनुच्छेद 200 - विधेयक पर अनुमति |
||
अनुच्छेद 201 - विचार कि लिए आरक्षित विधेयक |
||
|
वित्तीय विषयों के
संबंध में प्रक्रिया |
(अनुच्छेद
202 -207) |
अनुच्छेद 202 - वार्षिक
वित्तीय विवरण |
||
अनुच्छेद 203 - विधान मंडल
में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया |
||
अनुच्छेद 204 -विनियोग विधेयक |
||
अनुच्छेद 205 - अनुपूरक अतिरिक्त या अधिक अनुदान |
||
अनुच्छेद 206 - लेखनुदान प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान |
||
अनुच्छेद 207 - वित्त
विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध |
||
|
साधारणतया प्रक्रिया |
(अनुच्छेद
208 -212) |
अनुच्छेद 208 - प्रक्रिया
के नियम |
||
अनुच्छेद 209- राज्य के विधान मंडल में वित्तीय कार्य
संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन |
||
अनुच्छेद 210- विधान मंडल
में प्रयोग की जाने वाली भाषा |
||
अनुच्छेद 211 - विधान मंडल में चर्चा पर निर्वधन |
||
अनुच्छेद 212 - न्यायालयों द्वारा विधान मंडल की
कार्यवाहियों क जांच न किया जाना |
||
|
राज्यपाल की विधायी
शक्ति |
(अनुच्छेद
213) |
अनुच्छेद 213
- विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की
राज्यपाल की शक्ति |
||
|
राज्यों के उच्च
न्यायालय |
(अनुच्छेद
214 -231) |
अनुच्छेद 214
- राज्यों के लिए उच्च न्यायालय |
||
अनुच्छेद 215
- उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना |
||
अनुच्छेद 216-
उच्च न्यायालयों का गठन |
||
अनुच्छेद 217
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें |
||
अनुच्छेद 218-
उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालय को
लागू होना |
||
अनुच्छेद 216-
उच्च न्यायालयों का गठन |
||
अनुच्छेद 216-
उच्च न्यायालयों का गठन |
||
अनुच्छेद 216-
उच्च न्यायालयों का गठन |
||
अनुच्छेद 216-
उच्च न्यायालयों का गठन |
||
अनुच्छेद 216-
उच्च न्यायालयों का गठन |
||
अनुच्छेद 216-
उच्च न्यायालयों का गठन |
||
अनुच्छेद 225
- विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता |
||
अनुच्छेद 226
- कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति |
||
अनुच्छेद 227
- सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति |
||
अनुच्छेद 231
- दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना |
||
|
अधीनस्थ न्यायालय |
(अनुच्छेद
233 -237) |
अनुच्छेद 233
- जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति |
||
अनुच्छेद 233
A- कुछ जिला न्यायालयों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा किए गए
निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण |
||
अनुच्छेद 234-
न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की
भर्ती |
||
अनुच्छेद 235
- अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण |
||
अनुच्छेद 236-
निर्वचन |
||
अनुच्छेद 237-
कुछ वर्ग या वर्गो के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपंबंधों का
लागू होना |
||
भाग 7 |
संविधान (सातवाँ संशोधन)
अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित |
(अनु़चछेद 238) |
|
अनुच्छेद 238
- निरसित |
|
भाग 8 |
संघ राज्य क्षेत्र |
(अनुच्छेद
239-242) |
अनुच्छेद 239
- संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन |
||
अनुच्छेद 239
ए - कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान मंडलो या मंत्री या
मंत्री परिषदों का सृजन |
||
अनुच्छेद 239 ए.ए.- दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध |
||
अनुच्छेद 239
ए.बी. - सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध |
||
अनुच्छेद 239
बी.- विधान मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने
की प्रशासक की शक्ति |
||
अनुच्छेद 240
- कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए निमिय बनाने की राष्ट्रपति की
शक्ति |
||
अनुच्छेद 241
- क्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति को शक्ति |
||
अनुच्छेद 242
- निरसित |
||
भाग 9 |
पंचायत |
(अनुच्छेद
243- 243-O) |
अनुच्छेद 243G
- पंचायतों की शक्तियाँ, प्राधिकार और
उत्तरदायित्व |
||
अनुच्छेद 243W
- नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियाँ |
||
भाग 9A |
नगरपालिकाएँ |
(अनुच्छेद 243P - 243ZG) |
भाग 10 |
अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र |
(अनुच्छेद 244 - 244A) |
भाग 11 |
संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध |
(अनुच्छेद 245 - 263) |
|
विधायी याक्तियों का वितरण |
(अनुच्छेद 245 - 255) |
|
प्रशासनिक संबंध |
(अनुच्छेद 256 - 261) |
|
जल संबंधी विवाद |
(अनुच्छेद
262 - 263) |
अनुच्छेद 245
- संसद द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों
का विस्तार |
||
अनुच्छेद 246
- संसद द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों
की विषय-वस्तु |
||
अनुच्छेद 248
- अवशिष्ट विधायी शक्तियाँ |
||
अनुच्छेद 249
- राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि
बनाने की संसद की शक्ति |
||
अनुच्छेद 250
- यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के
विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद की शक्ति |
||
अनुच्छेद 252
- दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की
शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना |
||
अनुच्छेद 253
- अंतरराष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान |
||
अनुच्छेद 254
- संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा
बनाई गई विधियों में असंगति |
||
अनुच्छेद 256
- राज्यों की और संघ की बाध्यता |
||
अनुच्छेद 262
- अंतरराज्यिक नदियों या नदी-दूनों के जल संबंधी विवादों का
न्यायनिर्णयन |
||
अनुच्छेद 263
- अंतरराज्य परिषद के संबंध में उपबंध |
||
भाग 12 |
वित्त, सम्पत्ति, संविदाएँ और वाद |
(अनुच्छेद
264 -300A) |
अनुच्छेद 265
- विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना |
||
अनुच्छेद 266
- भारत और राज्यों की संचित निधियाँ और लोक लेखे |
||
अनुच्छेद 267
- आकस्मिकता निधि |
||
अनुच्छेद 268
- संघ द्वारा उद्गृहीत किए जाने वाले किंतु राज्यों द्वारा
संगृहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्क |
||
अनुच्छेद 270
- उद्गृहीत कर और उनका संघ तथा राज्यों के बीच वितरण |
||
अनुच्छेद 275
- कुछ राज्यों को संघ से अनुदान |
||
अनुच्छेद 279
- शुद्ध आगम आदि की गणना |
||
अनुच्छेद 280
- वित्त आयोग |
||
अनुच्छेद 282
- संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व से किए जाने वाले व्यय |
||
अनुच्छेद 286
- माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बंधन |
||
अनुच्छेद 299
- संविदाएँ |
||
अनुच्छेद 300
- वाद और कार्यवाहियाँ |
||
अनुच्छेद 300A
- विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न
किया जाना |
||
भाग 13 |
भारत के राज्य क्षेत्र
के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम |
(अनुच्छेद
301 - 307) |
अनुच्छेद 301
- व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता |
||
अनुच्छेद 302
- व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन
अधिरोपित करने की संसद की शाक्ति |
||
अनुच्छेद 304
- राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम
पर निर्बंधन |
||
अनुच्छेद 307
- अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति |
||
भाग 14 |
संघ और राज्यों के
अधीन सेवाएँ |
(अनुच्छेद
308 -323) |
अनुच्छेद 310
- संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि |
||
अनुच्छेद 311
- संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का
पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत
किया जाना |
||
अनुच्छेद 312
- अखिल भारतीय सेवाएँ |
||
अनुच्छेद 315
- संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग |
||
अनुच्छेद 320
- लोक सेवा आयोगों के कृत्य |
||
अनुच्छेद 323
- लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन |
||
अनुच्छेद 323A
- प्रशासनिक अधिकरण |
||
भाग 14A |
अधिकरण |
(अनुच्छेद 323A - 323B) |
भाग 15 |
निर्वाचन |
(अनुच्छेद
324 -329A) |
अनुच्छेद 324
- निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और
नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना |
||
अनुच्छेद 325
- धर्म, मूलवंश, जाति
या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक |
||
अनुच्छेद 326
- लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्क
मताधिकार के आधार पर होना |
||
अनुच्छेद 329
- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन |
||
भाग 16 |
कुछ वर्गों के लिए
विशेष उपबन्ध सम्बन्ध |
(अनुच्छेद
330- 342) |
अनुच्छेद 330
- लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए
स्थानों का आरक्षण |
||
अनुच्छेद 331
- लोक सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व |
||
अनुच्छेद 332
- राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित
जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण |
||
अनुच्छेद 333
- राज्यों की विधान सभाओं में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व |
||
अनुच्छेद 334
- स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का साठ वर्ष के
पश्चात् न रहना |
||
अनुच्छेद 335
- सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों
के दावे |
||
अनुच्छेद 338
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग |
||
अनुच्छेद 340
- पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति |
||
अनुच्छेद 341
- अनुसूचित जातियां |
||
अनुच्छेद 342
- अनुसूचित जनजातियां |
||
भाग 17 |
राजभाषा |
(अनुच्छेद
343- 351) |
अनुच्छेद 343
- संघ की राजभाषा |
||
अनुच्छेद 344
- राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति |
||
अनुच्छेद 345
- राज्य की राजभाषा या राजभाषाएँ |
||
अनुच्छेद 346
- एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच
पत्रादि की राजभाषा |
||
अनुच्छेद 348
- उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा |
||
अनुच्छेद 350
- व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा |
||
अनुच्छेद 350A
- प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएँ |
||
अनुच्छेद 351
- हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश |
||
भाग 18 |
आपात उपबन्ध |
(अनुच्छेद
352 - 360) |
अनुच्छेद 352
- आपात की उद्घोषणा |
||
अनुच्छेद 355
- बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ
का कर्तव्य |
||
अनुच्छेद 356
- राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध |
||
अनुच्छेद 358
- आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबंधों का
निलंबन |
||
अनुच्छेद 359
- आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त
अधिकारों के प्रवर्तन का निलबंन |
||
अनुच्छेद 360
- वित्तीय आपात के बारे में उपबंध |
||
भाग 19 |
प्रकीर्ण |
(अनुच्छेद
361 -367) |
अनुच्छेद 361
- राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण |
||
अनुच्छेद 365
- संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी
करने में असफलता का प्रभाव |
||
अनुच्छेद 366
– परिभाषाएँ |
||
भाग 20 |
संविधान के संशोधन |
अनुच्छेद 368 |
|
अनुच्छेद 368
- संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया |
|
भाग 21 |
अस्थाई संक्रमणकालीन
और विशेष उपबन्ध |
(अनुच्छेद
369 - 392) |
अनुच्छेद 369
- राज्य सूची के कुछ विषयों के संबंध में विधि बनाने की संसद की
इस प्रकार अस्थायी याक्तित मानों वे समवर्ती सूर्ची के विषय हो |
||
अनुच्छेद 370
- जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध |
||
अनुच्छेद 371
- महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध |
||
अनुच्छेद 371A
- नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध |
||
अनुच्छेद 372
- विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन |
||
अनुच्छेद 375
- संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कॄत्य करते रहना |
||
अनुच्छेद 376
- उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध |
||
अनुच्छेद 377
- भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंधइस |
||
अनुच्छेद 378
- उपबंध |
||
अनुच्छेद 379
से 391 - निरसित |
||
अनुच्छेद 392
- कठिनाईयों के दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति |
||
भाग 22 |
संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिन्दी में
प्राधिकृत पाठ और निरसन |
(अनुच्छेद
393 - 395) |
अनुच्छेद 393
- संक्षिप्त नाम |
||
अनुच्छेद 394
- प्रारंभ |
||
अनुच्छेद 394 ए - हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ |
||
अनुच्छेद 395
- निरसित |
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