भारतीय दण्‍ड संहिता 1860 की 1 सेे 120 ख तक धाराए अध्‍याय सहित | INDIAN PENAL CODE, 1860 1 to 120B Section With Chapter

 भारतीय दण्‍ड संहिता 1860 की समस्‍त धाराए अध्‍याय सहित| INDIAN PENAL CODE, 1860 All Section With Chapter

भारतीय दण्‍ड संहिता 1860 में 23 भागों में बाटा गया है, इसमें कुल 23 अध्‍याय में सम्‍पूर्ण दण्‍ड संहिता उल्‍लेख है और इन 23 अध्‍याय में 511 धाराये है।

                अत: कहा जा सकता है कि भारतीय दण्‍ड संहिता 1860 में कुल 23 अध्‍याय और 511 धाराये है, जिनके आधार पर भारत की सम्‍पूर्ण दण्‍ड संहिता का संचालन किया जाता है। जिनका विवरण निम्‍नानुसार है-  

अध्‍याय 01

प्रस्‍तावना (Introduction)

  • भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 1  - संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन का विस्तार
  • भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 3 - भारत से परे किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार
  •                                                         विचारणीय अपराधों का दण्ड।
  • भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 4 - राज्यक्षेत्रातीत / अपर देशीय अपराधों पर संहिता का विस्तार।
  • भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 5 - कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना।

                                                                   अध्‍याय 02

साधारण स्‍पष्‍टीकरण (General Explanations)

 


भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 6 - संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझाजाना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 7 - एक बार स्पष्टीकॄत वाक्यांश का अभिप्राय।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 8 – लिंग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 9 - वचन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 10 - पुरुष। स्त्री।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 11 - व्यक्ति
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 12 - जनता / जन सामान्य
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 13 - क्वीन की परिभाषा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 14 - सरकार का सेवक।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 15 - ब्रिटिश इण्डिया की परिभाषा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 16 - गवर्नमेंट आफ इण्डिया की परिभाषा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 17 - सरकार।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 18 - भारत
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 19 - न्यायाधीश।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 20 - न्यायालय
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 21 - लोक सेवक
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 22 - चल सम्पत्ति।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 23 - सदोष अभिलाभ / हानि।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 24 - बेईमानी करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 25 - कपटपूर्वक
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 26 - विश्वास करने का कारण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 27 - पत्नी, लिपिक या सेवक के कब्जे में सम्पत्ति।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 28 - कूटकरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 29 - दस्तावेज।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 30 - मूल्यवान प्रतिभूति।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 31 – बिल
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 32 -कार्यों को दर्शाने वाले शब्दों के अन्तर्गत अवैध लोप शामिल है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 33 - कार्य
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 34- सामान्य आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 35 - जबकि ऐसा कार्य इस कारण आपराधिक है कि वह  आपराधिक ज्ञान या आशय से किया गया है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 36 - अंशत: कार्य द्वारा और अंशत: लोप द्वारा कारित परिणाम।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 37 - कई कार्यों में से किसी एक कार्य को करके अपराध गठित करने में सहयोग करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 38 - आपराधिक कार्य में संपॄक्त व्यक्ति विभिन्न अपराधों के दोषी हो सकेंगे।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 39 - स्वेच्छया।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 40 - अपराध।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 41 - विशेष विधि।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 42 - स्थानीय विधि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 43 - अवैध
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 44 - क्षति
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 45 - जीवन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 46 - मॄत्यु
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 47 - जीवजन्तु
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 48 - जलयान
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 49 - वर्ष या मास
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 50 - धारा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 51 - शपथ।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 52 - सद्भावपूर्वक।   
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 52 – संश्रय 

 

अध्‍याय 03

साधारण स्‍पष्‍टीकरण (Of PUNISHMENTS)

 


भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 53 - दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 53क - निर्वासन के प्रति निर्देश का अर्थ लगाना
 भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 54 - मॄत्यु दण्डादेश का रूपांतरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 55 - आजीवन कारावास के दण्डादेश का लघुकरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 55क - समुचित सरकार की परिभाषा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 56 - य़ूरोपियों तथा अमरीकियों को दण्ड दासता की सजा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 57 - दण्डावधियों की भिन्नें
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 58 - निर्वासन से दण्डादिष्ट अपराधियों के साथ कैसा व्यवहार
                                                           किया जाए जब तक वे निर्वासित न कर दिए जाएं
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 59 - कारावास के बदले निर्वासनट
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 60 - दण्डादिष्ट कारावास के कतिपय मामलों में सम्पूर्ण कारावास
                                                         या उसका कोई भाग कठिन या सादा हो सकेगा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 61 - सम्पत्ति के समपहरण का दण्डादेश।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 62 - मॄत्यु, निर्वासन या कारावास से दण्डनीय अपराधियों की
                                                          बाबत सम्पत्ति का समपहरण ।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 63 - आर्थिक दण्ड/जुर्माने की रकम।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 64 - जुर्माना न देने पर कारावास का दण्डादेश
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 65 - जब कि कारावास और जुर्माना दोनों आदिष्ट किए जा सकते
                                                           हैं, तब जुर्माना न देने पर कारावास की अवधि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 66 - जुर्माना न देने पर किस भांति का कारावास दिया जाए।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 67 - आर्थिक दण्ड न चुकाने पर कारावास, जबकि अपराध केवल
                                                           आर्थिक दण्ड से दण्डनीय हो।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 68 - आर्थिक दण्ड के भुगतान पर कारावास का समाप्त हो जाना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 69 - जुर्माने के आनुपातिक भाग के दे दिए जाने की दशा में कारावास
                                                          का पर्यवसान
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 70 - जुर्माने का छह वर्ष के भीतर या कारावास के दौरान वसूल किया
                                                          जाना। मॄत्यु सम्पत्ति को दायित्व से उन्मुक्त नहीं करती।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 71 - कई अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि। 
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 72 - कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ति के लिए दण्ड जबकि  
                                                        निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह है कि वह किस अपराध कादोषी है                            भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 73 - एकांत परिरोध

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 74 - एकांत परिरोध की अवधि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 75 - पूर्व दोषसिद्धि के पश्चात् अध्याय 12 या अध्याय 17 के अधीन
                                                          कतिपय अपराधों के लिए वर्धित दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 76 - विधि द्वारा आबद्ध या तथ्य की भूल के कारण अपने आप के
                                                         विधि द्वारा आबद्ध होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा
                                                         किया गया कार्य।
 
 

अध्‍याय 04

साधारण अपवाद (General Exceptions)

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 77 - न्यायिकतः कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 78 - न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में किया गया कार्य
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 79 - विधि द्वारा न्यायानुमत या तथ्य की भूल से अपने को विधि द्वारा
                                                    न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 80 - विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 81 - आपराधिक आशय के बिना और अन्य क्षति के निवारण के लिए
                                                         किया गया कार्य जिससे क्षति कारित होना संभाव्य है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 82 - सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 83 - सात वर्ष से ऊपर किंतु बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ
                                                         के शिशु का कार्य
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 84 - विकॄतचित व्यक्ति का कार्य।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 85 - ऐसे व्यक्ति का कार्य जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के
                                                          कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 86 - किसी व्यक्ति द्वारा, जो मत्तता में है, किया गया अपराध जिसमें
                                                           विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 87 - सम्मति से किया गया कार्य जिससे मॄत्यु या घोर उपहति कारित
                                                         करने का आशय न हो और न उसकी संभाव्यता का ज्ञान हो
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 88 - किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति से सदभावपूर्वक किया
                                                         गया कार्य जिससे मॄत्यु कारित करने का आशय नहीं है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 89 - संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से शिशु या उन्मत्त व्यक्ति के
                                                          फायदे के लिए सदभावपूर्वक किया गया कार्य
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 90 - सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के
                                                          अधीन दी गई है
भारतीय दण्ड संहिता 1860की  धारा 91-ऐसे अपवादित कार्य जो कारित क्षति के बिना भी स्वतः अपराध है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 92 - सहमति के बिना किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक
                                                          किया गया कार्य।                                                  भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 93 - सदभावपूर्वक दी गई संसूचना                  
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 94 - वह कार्य जिसको करने के लिए कोई व्यक्ति धमकियों द्वारा
                                                          विवश किया गया है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 95 - तुच्छ अपहानि कारित करने वाला कार्य
 
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 96 - प्राइवेट प्रतिरक्षा में की गई बातें
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 97 - शरीर तथा संपत्ति की निजी प्रतिरक्षा का अधिकार।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 98 - ऐसे व्यक्ति के कार्य के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जो
                                                           विकॄतचित्त आदि हो
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 99 - कार्य, जिनके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 100 - किसी की मॄत्यु कारित करने पर शरीर की निजी प्रतिरक्षा का
                                                           अधिकार कब लागू होता है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 101 - मॄत्यु से भिन्न कोई क्षति कारित करने के अधिकार का विस्तार
                                                           कब होता है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 102 - शरीर की निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना
                                                          रहना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 103 - कब संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मॄत्यु
                                                           कारित करने तक का होता है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 104 - मॄत्यु से भिन्न कोई क्षति कारित करने तक के अधिकार का
                                                            विस्तार कब होता है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 105 - सम्पत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना
                                                             रहना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 106 - घातक हमले के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जब कि
                                                           निर्दोष व्यक्ति को अपहानि होने की जोखिम है

 

अध्‍याय 05

दुष्‍प्रेरण के विषय में(Of ABETMENT)

 


भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 107 - किसी बात का दुष्प्रेरण

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 108 - दुष्प्रेरक।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 108क - भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 109 - अपराध के लिए उकसाने के लिए दण्ड, यदि दुष्प्रेरित कार्य

                                                           उसके परिणामस्वरूप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के

                                                           लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 110 - दुष्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से

                                                             भिन्न आशय से कार्य करता है।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 111 - दुष्प्रेरक का दायित्व जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है

                                                           और उससे भिन्न कार्य किया गया है।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 112 - दुष्प्रेरक कब दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए

                                                            आकलित दण्ड से दण्डनीय है

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 113 - दुष्प्रेरित कार्य से कारित उस प्रभाव के लिए दुष्प्रेरक का

                                                            दायित्व जो दुष्प्रेरक द्वारा आशयित से भिन्न हो।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 114 - अपराध किए जाते समय दुष्प्रेरक की उपस्थिति।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 115 - मॄत्युदण्ड या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध का

                                                    दुष्प्रेरण - यदि दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप अपराध नहीं किया जाता।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 116 - कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण - यदि अपराध न

                                                             किया जाए।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 117 - सामान्य जन या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए

                                                           जाने का दुष्प्रेरण।

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 118 - मॄत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने की

                                                            परिकल्पना को छिपाना

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 119 - किसी ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना का लोक सेवक

                                                           द्वारा छिपाया जाना, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य है

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 120 - कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को

                                                            छिपाना।

 

अध्‍याय 05

आपराधिक षड्यंत्र (Criminal Conspiracy)

 


भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 120क - आपराधिक षड्यंत्र की परिभाषा

भारतीय दण्ड संहिता 1860 की  धारा 120- आपराधिक षड्यंत्र का दंड

  

 नोट - 

1 शेष धाराऍ 

2 नीली लिंक पर क्लिक करने पर WORD फाईल डाउनलोड कर सकते है।

 

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