संज्ञेय अपराध असंज्ञेय अपराध क्‍या है धाराओ सहित विवरण

 संज्ञेय अपराध असंज्ञेय अपराध क्‍या है धाराओ सहित विवरण  



संज्ञेय अपराध 

भारतीय दण्‍ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 2 (ग) के अनुआर

     ‘’संज्ञेय अपराध’’ से ऐसा अपराध अभिप्रेत है जिसके लिए और ‘’संज्ञेय मामला’’ से ऐसा मामला अभिप्रेत है जिसमें पुलिस अधिकारी प्रथम सूची के या तत्‍समय प्रवृत्‍त किसी अन्‍य विधि के अनुसार वारण्‍ट के बिना गिरफ्तार कर सकता है।

अपराध की प्रकृति के अनुसार अपराध को दो भागो में बाटा गया है-

1.      संज्ञेय अपराध

2.      असंज्ञेय अपराध

 

    ऐसे अपराध जो गंभीर तथा संगीन प्रकृति के होते है जिनमें अपराधी के द्वारा गंभीर तथा संगीन प्रकार के अपराध को कारित किया गया है, जिनमें भार साधक अधिकारी अभियुक्‍त को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकता है एवं बिना किसी आदेश के अन्‍वेषण की प्रक्रिया को प्रारम्‍भ कर सकता है एवं ऐसे मामलो में परिवाद की आवश्‍यकता नही होती है उन्‍हे संज्ञेय अपराध कहते है।

   संज्ञेय मामलो में ऐसा प्रावधान इसलिये है क्‍योकि गंभीर कृत्‍य कारित करने के उपरांत साक्ष्‍यों को मिटाये जा सकते है, अभियुक्‍त कही अन्‍यत्र स्‍थल पर भाग सकता है इत्‍यादि कारणों के कारण बिना वारण्‍ट के अभियुक्‍त के गिरफ्तार कर लिया जाता है। 

भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत गैर-जमानती अपराधों की सूची निम्‍नलिखित है:

 


  • 1.   धारा 121- भारत सरकार के विरूध्‍द युध्‍द करने का प्रयत्‍न करना या युध्‍द करने       का दुष्‍प्रेरण करना।
  • 2.   धारा 124 ए- राजद्रोह
  • 3. धारा 131- विद्रोह का दुष्‍प्रेरण या किसी सैनिक, नौसैनिक,  नौसैनिक  या  वायुसैनिक को कर्तव्‍य से विचलित करने का प्रयत्‍न करना।
  • 4.   धारा 172 समनों की तालीम या अन्‍य कार्यवाही से बचने के लिए फरार हो जाना।
  • 5.   धारा 232- भारतीय सिक्का का कूटकरण
  • 6.   धारा 238- भारतीय सिक्‍कों की कूटकृतियों का आयात निर्यात।
  • 7.    धारा 246- कपटपूर्वक या बेईमानी से सिक्‍कों का वजन कम करना या मिश्रत परिवर्तित करना।
  • 8.   धारा 255- सरकारी स्‍टाम्‍प का कूटकरण।
  • 9.   धारा 274- औ‍षधिओं का अपमिश्रण
  • 10. धारा 295 ए- विमर्शित और विद्धेषपूर्ण कार्य जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्‍वासों  का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किए गए हों।
  • 11. धारा 302- हत्या के लिए दण्‍ड।
  • 12. धारा 304- हत्या की कोटि में न आने वाले आपराधिक मान वध के लिए दण्‍ड
  • 13. धारा 304 ख- दहेज मृत्‍यु
  • 14. धारा 306- आत्महत्या का दुष्‍प्रेरण।
  • 15. धारा 307- हत्या का प्रयत्‍न
  • 16. धारा 308- आपराधि‍क मावन वध करने का प्रयत्‍न करना
  • 17. धारा 369- दस वर्ष से कम आयु के शिशु के शरीर पर से चोरी के आशय से उसका व्‍यपहरण या अपहरण करना।
  • 18. धारा 370- व्यक्ति की तस्करी
  • 19. धारा 376- बलात्कार के लिए दण्‍ड
  • 20. धारा 376 (घ)- सामूहिक बलात्‍संग
  • 21. धारा 377- अप्राकृतिक अपराध
  • 22. धारा 379- चोरी के लिए दण्‍ड
  • 23. धारा 384- जबरन वसूली की सजा
  • 24. धारा 392- लूट के लिए सजा
  • 25. धारा 395- डकैती के लिए सजा
  • 26. धारा 406- आपराधिक न्‍यासभंग के लिए सजा
  • 27. धारा 411- चुराई हुई सम्‍पत्ति को बेईमानी से प्राप्‍त करना
  • 28. धारा 420- छल करना और सम्‍पत्ति परिदत्‍त करने के लिये बेईमानी से उत्‍प्रेरित करना।
  • 29. धारा 489 ए- करेंसी नोटों या बैक का कूटकरण
  • 30. धारा 498 ए- किसी स्‍त्री के पति के पति के रिश्तेदार द्वारा उसके प्रति कूरता करना| 

असंज्ञेय अपराध



भारतीयदण्‍ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 2 (ठ) के अनुसार

  ‘’असंज्ञये अपराध’’  से ऐसा अपराध अभिप्रे‍त है जिसके लिए और ‘’ असंज्ञेय मामला’’ से ऐसा मामला अभिप्रेत है जिसमें पुलिस अधिकारी को वारण्‍ट के बिना गिरफ्तार करने का प्राधिकार नही होता है।

ऐसे मामले जिनकी प्रकृति सामान्‍य प्रकार की होती है, जिन कृत्‍येां को कारित किया गया है वह सामान्‍य प्रकार के होते है, ऐसे मामलो में पुलिस अधिकारी बिना किसी वारण्‍ट के किसी भी व्‍यक्ति को गिरफ्तार नही कर सकता है एवं असंज्ञेय मामलो में बिना आदेश के अन्‍वेषण नही किया जा सकता है एवं किसी भी मामले में कार्यवाही का प्रारम्‍भ परिवाद से होता है।

 

भारतीय दंड संहिता के तहत जमानती अपराधों की सूची निम्‍नलिखित है:


  1.   धारा 497 स्त्री-पुरुष के विवाह के उपरांत संबंधों से जुड़ी होती है ।
2.   धारा 500 के तहत मानहानि का दावा किया जा सकता है।
3.   धारा 140- सिपाही की वेशभूषा, नाविक, वायुयान पहनना
4.   धारा 144- गैरकानूनी विधानसभा के लिए सजा
5.      धारा 154- मालिक या उस भूमि पर कब्जा करने वाला जिस पर गैरकानूनी विधानसभा होती है
6.     धारा 158- मालिक या कब्जा करने वाली भूमि जिस पर गैरकानूनी विधानसभा 

                      होती है
7.     धारा 166 ए- कानून के तहत लोक सेवक की अवज्ञा दिशा
8.     धारा 167- लोक सेवक गलत दस्तावेज तैयार करना
9.     धारा 177- गलत जानकारी देना
10. धारा 181- लोक सेवकों को शपथ दिलाने पर गलत बयान।
11. धारा 186- लोक सेवक द्वारा दिए गए कर्तव्य के आदेश की अवज्ञा करना।
12. धारा 189- लोक सेवक को चोट का खतरा
13. धारा 191- झूठे सबूत देना
14. धारा 193 के तहत झूठे साक्ष्य देने पर लागू की जाती है।
15. धारा 195A- किसी भी व्यक्ति को झूठे सबूत देने की धमकी देना।
16. धारा 203- अपराध के संबंध में गलत जानकारी देना।
17.       धारा 210- फर्जी तरीके से अदालत में झूठा दावा करना।
18. धारा 223- लोक सेवक द्वारा लापरवाही से हिरासत या हिरासत से बच जाना।
 
19. धारा 213- अपराध से दंडित करने के लिए उपहार लेना
20. धारा 228- न्यायिक कार्यवाही में बैठे लोक सेवक का जानबूझकर अपमान या रुकावट।
21. धारा 264- वज़न कम करने का झूठा प्रयोग या झूठा साधन
22.      धारा 269- लापरवाही से जीवन के लिए खतरनाक संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना है
23. धारा 279- सार्वजनिक वाहन पर वाहन चलाना या चलाना
24. धारा 283- सार्वजनिक तरीके से या नेविगेशन की लाइन में खतरा या रुकावट
25. धारा 292- अश्लील पुस्तक की बिक्री
26. धारा 297- दफन स्थानों पर अत्याचार
27. धारा 304 क- लापरवाही से मौत का कारण
28. धारा 309- आत्महत्या करने का प्रयास
29. धारा 318- शरीर के गुप्त निपटान द्वारा जन्म की चिंता
30. धारा 323- चोट पहुँचाना
31. धारा 349- बल प्रयोग करना
32. धारा 352 के तहत आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए नियम बनाये गए है |
33. धारा 354 डी- पीछा करना
34. धारा 363- अपहरण के लिए सजा
35. धारा 417- धोखाधड़ी के लिए सजा।
36. धारा 426- दुष्कर्म के लिए सजा।
37. धारा 447- आपराधिक अतिचार के लिए सजा
38. धारा 465- ---कूटकरण के लिये दण्‍ड
39. धारा 477 क- खातों का मिथ्याकरण
40. धारा 489 ग- जाली नोट या बैंकनोट का कब्ज़ा
41. धारा 494- पति या पत्नी के जीवनकाल के दौरान फिर से शादी करना
42. धारा 496- विवाह समारोह बिना कानूनी विवाह के धोखे से चला गया
43. धारा 497 किसी एकसक पात्र के उपर मिथ्‍या चिन्‍ह बनाना जिसमें माल रखा हो।
44. धारा 498- आपराधिक इरादे से प्रवेश या छीनना या हिरासत में लेना
45. धारा 500- मानहानि की सजा
46. धारा 506- आपराधिक धमकी
47. धारा 509- किसी महिला की शील का अपमान करने के लिए शब्द, इशारा या कृत्य
48. धारा 510- नशे में व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक रूप से दुराचार।



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