भारतीय दण्ड संहिता 1860 की 121 सेे 298 तक धाराए अध्याय सहित | INDIAN PENAL CODE, 1860 121 to 298 Section With Chapter
अध्याय 06
राज्य के विरूद्ध अपराधों के
विषय (Of Offences Against the State)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 121 - भारत सरकार के
विरुद्ध युद्ध करना या युद्ध करने का प्रयत्न
करना या युद्ध करने का दुष्प्रेरण करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 121क - धारा 121
द्वारा दंडनीय अपराधों को करने का षड््यंत्र
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 122 - भारत सरकार के
विरुद्ध युद्ध करने के आशय से आयुध आदि
संग्रहित करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 123 - युद्ध करने की
परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से
छिपाना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 124 - किसी विधिपूर्ण
शक्ति का प्रयोग करने के लिए विवश करने या
उसका प्रयोग अवरोधित करने के आशय से राष्ट्रपति, राज्यपाल
आदि पर हमला करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 124क - राजद्रोह
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 125 - भारत सरकार से
मैत्री संबंध रखने वाली किसी एशियाई शक्ति
के विरुद्ध युद्ध करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 126 - भारत सरकार के
साथ शांति का संबंध रखने वाली शक्ति के
राज्यक्षेत्र में लूटपाट करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 127 - धारा 125
और 126 में वर्णित युद्ध या लूटपाट द्वारा ली
गई
सम्पत्ति प्राप्त करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 128 - लोक सेवक का
स्वेच्छया राजकैदी या युद्धकैदी को निकल
भागने देना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 129 - उपेक्षा से लोक
सेवक का ऐसे कैदी का निकल भागना सहन
करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 130 - ऐसे कैदी के
निकल भागने में सहायता देना, उसे छुड़ाना या
संश्रय देना
अध्याय 07
सेना, नौसेना और वायुसेना से सम्बन्धित
अपरोधों के विषय में
(Of Offences Relating to the
Army, Navy and Air Force)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 131 - विद्रोह का
दुष्प्रेरण या किसी सैनिक, नौसेनिक या वायुसैनिक
को कर्तव्य से विचलित करने का प्रयत्न करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 132 - विद्रोह का
दुष्प्रेरण यदि उसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 133 - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी
जब कि वह अधिकारी अपने पद-निष्पादन में हो, पर हमले
का दुष्प्रेरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 134 - हमले का
दुष्प्रेरण जिसके परिणामस्वरूप हमला किया जाए।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 135 - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा परित्याग का दुष्प्रेरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 136 - अभित्याजक को
संश्रय देना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 137 - मास्टर की
उपेक्षा से किसी वाणिज्यिक जलयान पर छुपा हुआ
अभित्याजक
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 138 - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अनधीनता के कार्य का
दुष्प्रेरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 138क - पूर्वोक्त
धाराओं का भारतीय सामुद्रिक सेवा को लागू होना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 139 - कुछ अधिनियमों
के अध्यधीन व्यक्ति।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 140 - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा उपयोग में लाई जाने
वाली पोशाक पहनना या प्रतीक चिह्न धारण करना।
अध्याय 08
लोक-प्रशांति के विरूद्ध
अपराधों के विषय में
(Of Offences Against the
Public Tranquility)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 141 - विधिविरुद्ध जनसमूह।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 142 - विधिविरुद्ध
जनसमूह का सदस्य होना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 143 - गैरकानूनी
जनसमूह का सदस्य होने के नाते दंड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 144 - घातक आयुध से
सज्जित होकर विधिविरुद्ध जनसमूह में सम्मिलित होना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 145 - किसी
विधिविरुद्ध जनसमूह जिसे बिखर जाने का समादेश दिया गया है, में
जानबूझकर शामिल होना या बने रहना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 146 - उपद्रव करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 147 - बल्वा करने के
लिए दंड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 148 - घातक आयुध से
सज्जित होकर उपद्रव करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 149 - विधिविरुद्ध
जनसमूह का हर सदस्य, समान लक्ष्य का अभियोजन करने में किए गए
अपराध का दोषी।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 150 - विधिविरुद्ध
जनसमूह में सम्मिलित करने के लिए व्यक्तियों का भाड़े पर लेना या भाड़े पर लेने के
लिए बढ़ावा देना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 151 - पांच या अधिक
व्यक्तियों के जनसमूह जिसे बिखर जाने का समादेश दिए जाने के पश्चात् जानबूझकर
शामिल होना या बने रहना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 152 - लोक सेवक के
उपद्रव / दंगे आदि को दबाने के प्रयास में हमला करना या बाधा डालना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 153 - उपद्रव कराने
के आशय से बेहूदगी से प्रकोपित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 153क - धर्म, मूलवंश, भाषा, जन्म-स्थान,
निवास-स्थान, इत्यादि के आधारों पर विभिन्न
समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द्र बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव
डालने वाले कार्य करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 153ख - राष्ट्रीय
अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन, प्राख्यान--(
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 154 - उस भूमि का
स्वामी या अधिवासी, जिस पर ग़ैरक़ानूनी जनसमूह एकत्रित हो
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 155 - व्यक्ति जिसके
फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो का दायित्व
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 156 - उस स्वामी या
अधिवासी के अभिकर्ता का दायित्व, जिसके फायदे के लिए उपद्रव
किया जाता है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 157 - विधिविरुद्ध
जनसमूह के लिए भाड़े पर लाए गए व्यक्तियों को संश्रय देना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 158 - विधिविरुद्ध जमाव
या बल्वे में भाग लेने के लिए भाड़े पर जाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 159 - दंगा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 160 - दंगा करने के
लिए दण्ड।
अध्याय 09
लोक सेवकों द्वारा या उनसे
संबंधित अपराधों के विषय में
(Of Offences By Relating to
Public Servants)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 161 से 165 - लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराधों के विषय में
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 166 - लोक सेवक
द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाने के आशय से विधि की अवज्ञा करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 166क - कानून के तहत
महीने दिशा अवहेलना लोक सेवक
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 166ख - अस्पताल
द्वारा शिकार की गैर उपचार
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 167 - लोक सेवक,
जो क्षति कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचता है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 168 - लोक सेवक,
जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगता है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 169 - लोक सेवक,
जो विधिविरुद्ध रूप से संपत्ति क्रय करता है या उसके लिए बोली लगाता
है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 170 - लोक सेवक का
प्रतिरूपण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171 - कपटपूर्ण आशय
से लोक सेवक के उपयोग की पोशाक पहनना या निशानी को धारण करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171क - अभ्यर्थी,
निर्वाचन अधिकार परिभाषित
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171ख - रिश्वत
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171ग - निर्वाचनों
में असम्यक्् असर डालना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171घ - निर्वाचनों
में प्रतिरूपण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171ङ - रिश्वत के लिए
दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171च - निर्वाचनों
में असम्यक् असर डालने या प्रतिरूपण के लिए दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171छ - निर्वाचन के
सिलसिले में मिथ्या कथन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171ज - निर्वाचन के
सिलसिले में अवैध संदाय
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171झ - निर्वाचन लेखा
रखने में असफलता
अध्याय 10
लोक सेवकों द्वारा या उनसेसंबंधित अपराधों के विषय में
(Of Contempt’s of the Lawful
Authority of Public servants )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 172 - समनों की तामील
या अन्य कार्यवाही से बचने के लिए फरार हो जाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 173 - समन की तामील
का या अन्य कार्यवाही का या उसके प्रकाशन का निवारण करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 174 - लोक सेवक का
आदेश न मानकर गैर-हाजिर रहना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 175 - दस्तावेज या
इलैक्ट्रानिक अभिलेख] पेश करने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति का लोक सेवक को 1[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] पेश करने का लोप
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 176 - सूचना या
इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या
इत्तिला देने का लोप।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 177 - झूठी सूचना
देना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 178 - शपथ या
प्रतिज्ञान से इंकार करना, जबकि लोक सेवक द्वारा वह वैसा
करने के लिए सम्यक् रूप से अपेक्षित किया जाए
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 179 - प्रश्न करने के
लिए प्राधिकॄत लोक सेवक को उत्तर देने से इंकार करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 180 - कथन पर
हस्ताक्षर करने से इंकार
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 181 - शपथ दिलाने या
अभिपुष्टि कराने के लिए प्राधिकॄत लोक सेवक के, या व्यक्ति
के समक्ष शपथ या अभिपुष्टि पर झूठा बयान।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 182 - लोक सेवक को
अपनी विधिपूर्ण शक्ति का उपयोग दूसरे व्यक्ति की क्षति करने के आशय से झूठी सूचना
देना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 183 - लोक सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा संपत्ति लिए जाने का प्रतिरोध
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 184 - लोक सेवक के
प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई संपत्ति के विक्रय में बाधा
डालना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 185 - लोक सेवक के
प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई संपत्ति का अवैध क्रय या उसके
लिए अवैध बोली लगाना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 186 - लोक सेवक के
लोक कॄत्यों के निर्वहन में बाधा डालना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 187 - लोक सेवक की
सहायता करने का लोप, जबकि सहायता देने के लिए विधि द्वारा
आबद्ध हो
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 - लोक सेवक
द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 189 - लोक सेवक को
क्षति करने की धमकी
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 190 - लोक सेवक से
संरक्षा के लिए आवेदन करने से रोकने हेतु किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए
क्षति की धमकी।
अध्याय 11
मिथ्या साक्ष्य और न्याय के
विरूद्ध अपराधों के विषय में
(Of False Evidence and Offences
Against Public Justice )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 191 - झूठा साक्ष्य
देना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 192 - झूठा साक्ष्य
गढ़ना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 193 - मिथ्या साक्ष्य
के लिए दंड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 194 - मॄत्यु से
दण्डनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि कराने के आशय से झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 195 - आजीवन कारावास
या कारावास से दण्डनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि प्राप्त करने के आशय से झूठा
साक्ष्य देना या गढ़ना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 196 - उस साक्ष्य को
काम में लाना जिसका मिथ्या होना ज्ञात है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 197 - मिथ्या
प्रमाणपत्र जारी करना या हस्ताक्षरित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 198 - प्रमाणपत्र
जिसका नकली होना ज्ञात है, असली के रूप में प्रयोग करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 199 - विधि द्वारा
साक्ष्य के रूप में लिये जाने योग्य घोषणा में किया गया मिथ्या कथन।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 200 - ऐसी घोषणा का
मिथ्या होना जानते हुए सच्ची के रूप में प्रयोग करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 201 - अपराध के
साक्ष्य का विलोपन, या अपराधी को प्रतिच्छादित करने के लिए
झूठी जानकारी देना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 202 - सूचना देने के
लिए आबद्ध व्यक्ति द्वारा अपराध की सूचना देने का साशय लोप।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 203 - किए गए अपराध
के विषय में मिथ्या इत्तिला देना
PC धारा 204 - साक्ष्य के रूप में किसी 3[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] का पेश किया जाना निवारित करने के लिए
उसको नष्ट करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 205 - वाद या अभियोजन
में किसी कार्य या कार्यवाही के प्रयोजन से मिथ्या प्रतिरूपण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 206 - संपत्ति को
समपहरण किए जाने में या निष्पादन में अभिगॄहीत किए जाने से निवारित करने के लिए
उसे कपटपूर्वक हटाना या छिपाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 207 - संपत्ति पर
उसके जब्त किए जाने या निष्पादन में अभिगॄहीत किए जाने से बचाने के लिए कपटपूर्वक
दावा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 208 - ऐसी राशि के
लिए जो शोध्य न हो कपटपूर्वक डिक्री होने देना सहन करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 209 - बेईमानी से
न्यायालय में मिथ्या दावा करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 210 - ऐसी राशि के
लिए जो शोध्य नहीं है कपटपूर्वक डिक्री अभिप्राप्त करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 211 - क्षति करने के
आशय से अपराध का झूठा आरोप।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 212 - अपराधी को
संश्रय देना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 213 - अपराधी को दंड
से प्रतिच्छादित करने के लिए उपहार आदि लेना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 214 - अपराधी के प्रतिच्छादन
के प्रतिफलस्वरूप उपहार की प्रस्थापना या संपत्ति का प्रत्यावर्तन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 215 - चोरी की
संपत्ति इत्यादि के वापस लेने में सहायता करने के लिए उपहार लेना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 216 - ऐसे अपराधी को
संश्रय देना, जो अभिरक्षा से निकल भागा है या जिसको पकड़ने
का आदेश दिया जा चुका है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 216क - लुटेरों या
डाकुओं को संश्रय देने के लिए शास्ति
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 216ख - धारा 212,
धारा 216 और धारा 216क
में संश्रय की परिभाषा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 217 - लोक सेवक
द्वारा किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति के समपहरण से बचाने के आशय से विधि
के निदेश की अवज्ञा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 218 - किसी व्यक्ति
को दंड से या किसी संपत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से लोक सेवक द्वारा अशुद्ध
अभिलेख या लेख की रचना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 219 - न्यायिक
कार्यवाही में विधि के प्रतिकूल रिपोर्ट आदि का लोक सेवक द्वारा भ्रष्टतापूर्वक
किया जाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 220 - प्राधिकार वाले
व्यक्ति द्वारा जो यह जानता है कि वह विधि के प्रतिकूल कार्य कर रहा है, विचारण के लिए या परिरोध करने के लिए सुपुर्दगी
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 221 - पकड़ने के लिए
आबद्ध लोक सेवक द्वारा पकड़ने का साशय लोप
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 222 - दंडादेश के
अधीन या विधिपूर्वक सुपुर्द किए गए व्यक्ति को पकड़ने के लिए आबद्ध लोक सेवक
द्वारा पकड़ने का साशय लोप
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 223 - लोक सेवक
द्वारा उपेक्षा से परिरोध या अभिरक्षा में से निकल भागना सहन करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 224 - किसी व्यक्ति
द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 225 - किसी अन्य
व्यक्ति के विधि के अनुसार पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 225क - उन दशाओं में
जिनके लिए अन्यथा उपबंध नहीं है लोक सेवक द्वारा पकड़ने का लोप या निकल भागना सहन
करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 225ख - अन्यथा
अनुपबंधित दशाओं में विधिपूर्वक पकड़ने में प्रतिरोध या बाधा या निकल भागना या
छुड़ाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 226 - निर्वासन से
विधिविरुद्ध वापसी।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 227 - दंड के परिहार
की शर्त का अतिक्रमण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 228 - न्यायिक
कार्यवाही में बैठे हुए लोक सेवक का साशय अपमान या उसके कार्य में विघ्न
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 228क - कतिपय अपराधों
आदि से पीड़ित व्यक्ति की पहचान का प्रकटीकरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 229 - जूरी सदस्य या
आंकलन कर्ता का प्रतिरूपण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 229 क – जमानत या बंधपत्र पर छोडे गये व्यक्ति द्वारा न्यायालय में हाजिर होने
में।
सिक्कों और सरकारी स्टाम्पों
से सम्बन्धित अपराधों के विषय में
(Of False Relating to Coins and
Government Stamps )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 230 - सिक्का की
परिभाषा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 231 - सिक्के का
कूटकरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 232 - भारतीय सिक्के
का कूटकरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 233 - सिक्के के
कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 234 - भारतीय सिक्के
के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 235 - सिक्के के
कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री उपयोग में लाने के प्रयोजन से उसे कब्जे में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 236 - भारत से बाहर
सिक्के के कूटकरण का भारत में दुष्प्रेरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 237 - कूटकॄत सिक्के
का आयात या निर्यात
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 238 - भारतीय सिक्के
की कूटकॄतियों का आयात या निर्यात
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 239 - सिक्के का
परिदान जिसका कूटकॄत होना कब्जे में आने के समय ज्ञात था
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 240 - उस भारतीय
सिक्के का परिदान जिसका कूटकॄत होना कब्जे में आने के समय ज्ञात था
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 241 - किसी सिक्के का
असली सिक्के के रूप में परिदान, जिसका परिदान करने वाला उस
समय जब वह उसके कब्जे में पहली बार आया था, कूटकॄत होना नहीं
जानता था
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 242 - कूटकॄत सिक्के
पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उस समय उसका कूटकॄत होना जानता था जब वह उसके कब्जे
में आया था
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 243 - भारतीय सिक्के
पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उसका कूटकॄत होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे
में आया था
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 244 - टकसाल में
नियोजित व्यक्ति द्वारा सिक्के को उस वजन या मिश्रण से भिन्न कारित किया जाना जो
विधि द्वारा नियत है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 245 - टकसाल से
सिक्का बनाने का उपकरण विधिविरुद्ध रूप से लेना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 246 - कपटपूर्वक या
बेईमानी से सिक्के का वजन कम करना या मिश्रण परिवर्तित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 247 - कपटपूर्वक या
बेईमानी से भारतीय सिक्के का वजन कम करना या मिश्रण परिवर्तित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 248 - इस आशय से किसी
सिक्के का रूप परिवर्तित करना कि वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल जाए
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 249 - इस आशय से
भारतीय सिक्के का रूप परिवर्तित करना कि वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल
जाए
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 250 - ऐसे सिक्के का
परिदान जो इस ज्ञान के साथ कब्जे में आया हो कि उसे परिवर्तित किया गया है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 251 - भारतीय सिक्के
का परिदान जो इस ज्ञान के साथ कब्जे में आया हो कि उसे परिवर्तित किया गया है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 252 - ऐसे व्यक्ति
द्वारा सिक्के पर कब्जा जो उसका परिवर्तित होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे
में आया
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 253 - ऐसे व्यक्ति
द्वारा भारतीय सिक्के पर कब्जा जो उसका परिवर्तित होना उस समय जानता था जब वह उसके
कब्जे में आया
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 254 - सिक्के का असली
सिक्के के रूप में परिदान जिसका परिदान करने वाला उस समय जब वह उसके कब्जे में
पहली बार आया था, परिवर्तित होना नहीं जानता था
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 255 - सरकारी स्टाम्प
का कूटकरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 256 - सरकारी स्टाम्प
के कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री कब्जे में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 257 - सरकारी स्टाम्प
के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 258 - कूटकॄत सरकारी
स्टाम्प का विक्रय
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 259 - सरकारी कूटकॄत
स्टाम्प को कब्जे में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 260 - किसी सरकारी
स्टाम्प को, कूटकॄत जानते हुए उसे असली स्टाम्प के रूप में
उपयोग में लाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 261 - इस आशय से कि
सरकार को हानि कारित हो, उस पदार्थ पर से, जिस पर सरकारी स्टाम्प लगा हुआ है, लेख मिटाना या
दस्तावेज से वह स्टाम्प हटाना जो उसके लिए उपयोग में लाया गया है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 262 - ऐसे सरकारी
स्टाम्प का उपयोग जिसके बारे में ज्ञात है कि उसका पहले उपयोग हो चुका है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 263 - स्टाम्प के
उपयोग किए जा चुकने के द्योतक चिन्ह का छीलकर मिटाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 263क - बनावटी
स्टाम्पों का प्रतिषेघ
अध्याय 13
बाटों और मापों के सम्बन्धित
अपराधों के विषय में
(Of Offences Relating to
Weights and measures )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 264 - तोलने के लिए
खोटे उपकरणों का कपटपूर्वक उपयोग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 265 - खोटे बाट या
माप का कपटपूर्वक उपयोग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 266 - खोटे बाट या
माप को कब्जे में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 267 - खोटे बाट या
माप का बनाना या बेचना
अध्याय 14
लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव
डालने वाले अपराधों के विषय में
(Of Offences Affecting the
Public Health Safety Convenience Decency and Morals)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 268 - लोक न्यूसेन्स
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 269 - उपेक्षापूर्ण
कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना संभाव्य हो
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 270 - परिद्वेषपूर्ण
कार्य, जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना
संभाव्य हो
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 271 - करन्तीन के
नियम की अवज्ञा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 272 - विक्रय के लिए
आशयित खाद्य या पेय वस्तु का अपमिश्रण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 273 - अपायकर खाद्य
या पेय का विक्रय
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 274 - औषधियों का
अपमिश्रण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 275 - अपमिश्रित
ओषधियों का विक्रय
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 276 - ओषधि का भिन्न
औषधि या निर्मिति के तौर पर विक्रय
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 277 - लोक जल-स्रोत
या जलाशय का जल कलुषित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 278 - वायुमण्डल को
स्वास्थ्य के लिए अपायकर बनाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 279 - सार्वजनिक
मार्ग पर उतावलेपन से वाहन चलाना या हांकना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 280 - जलयान का
उतावलेपन से चलाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 281 - भ्रामक प्रकाश,
चिन्ह या बोये का प्रदर्शन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 282 - अक्षमकर या अति
लदे हुए जलयान में भाड़े के लिए जलमार्ग से किसी व्यक्ति का प्रवहण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 283 - लोक मार्ग या
पथ-प्रदर्शन मार्ग में संकट या बाधा कारित करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 284 - विषैले पदार्थ
के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 285 - अग्नि या
ज्वलनशील पदार्थ के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 286 - विस्फोटक
पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 287 - मशीनरी के
सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 288 - किसी निर्माण
को गिराने या उसकी मरम्मत करने के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 289 - जीवजन्तु के
संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 290 - अन्यथा
अनुपबन्धित मामलों में लोक बाधा के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 291 - न्यूसेन्स बन्द
करने के व्यादेश के पश्चात् उसका चालू रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 292 - अश्लील
पुस्तकों आदि का विक्रय आदि।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 2925क - विमर्शित और
विद्वेषपूर्ण कार्य जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी
धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किए गए हों
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 292क - Printing,etc,
of grossly indecent or securrilous matter or matter intended for blackmail
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 293 - तरुण व्यक्ति
को अश्लील वस्तुओ का विक्रय आदि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 294 - अश्लील कार्य
और गाने
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 294क - लाटरी
कार्यालय रखना
अध्याय 15
धर्म से संबंणित अपराधों के
विषय में
(Of Offences Relating to
Religion )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 295 - किसी वर्ग के
धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति करना या अपवित्र करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 296 - धार्मिक जमाव
में विघ्न करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 297 - कब्रिस्तानों
आदि में अतिचार करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 298 - धार्मिक
भावनाओं को ठेस पहुंचाने के सविचार आशय से शब्द उच्चारित करना आदि।
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