भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 299 सेे धारा 511 तक धारा अध्याय सहित | INDIAN PENAL CODE, 1860 229 to 511 Section With Chapter
अध्याय 16
मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले
अपराधों के विषय में
(Of Offences Relating the Human
Body )
जीवन के लिये संकटकारी अपराधोंके विषय मे
(Of Offences Offences Life)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 299 - आपराधिक मानव
वध
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 300 - हत्या
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 301 - जिस व्यक्ति की
मॄत्यु कारित करने का आशय था उससे भिन्न व्यक्ति की मॄत्यु करके आपराधिक मानव वध
करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 302 - हत्या के लिए
दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 303 - आजीवन कारावास
से दण्डित व्यक्ति द्वारा हत्या के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 304 - हत्या
की श्रेणी में न आने वाली गैर इरादतन हत्या के लिए दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 304क - उपेक्षा
द्वारा मॄत्यु कारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 304ख - दहेज मॄत्यु
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 305 - शिशु या
उन्मत्त व्यक्ति की आत्महत्या का दुष्प्रेरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 306 - आत्महत्या का
दुष्प्रेरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 307 - हत्या करने का
प्रयत्न
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 308 - गैर इरादतन
हत्या करने का प्रयास
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 309 - आत्महत्या करने
का प्रयत्न।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 310 - ठग।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 311 - ठगी के लिए
दण्ड।
गर्भपात कारित करने, अज्ञात शिशुओ को क्षति कारित
करने, शिशुओ को आरक्षित छोडने और जन्म
छिपाने के विषय मे
(Of the Causing Miscarriage of
Injuries to Unborn Children of the Exposure of Infants and of the concealment
of births)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 312 - गर्भपात कारित
करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 313 - स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कारित करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 314 - गर्भपात कारित
करने के आशय से किए गए कार्यों द्वारा कारित मॄत्यु।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 315 - शिशु का जीवित
पैदा होना रोकने या जन्म के पश्चात् उसकी मॄत्यु कारित करने के आशय से किया गया
कार्य।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 316 - ऐसे कार्य
द्वारा जो गैर-इरादतन हत्या की कोटि में आता है, किसी सजीव
अजात शिशु की मॄत्यु कारित करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 317 - शिशु के पिता
या माता या उसकी देखरेख रखने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के शिशु का
परित्याग और अरक्षित डाल दिया जाना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 318 - मॄत शरीर के
गुप्त व्ययन द्वारा जन्म छिपाना
उपहति के विषय में
(Of Hurt)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 319 - क्षति
पहुँचाना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 320 - घोर आघात।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 321 - स्वेच्छया
उपहति कारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 322 - स्वेच्छया घोर
उपहति कारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 323 - जानबूझ कर
स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 324 - खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 325 - स्वेच्छापूर्वक
किसी को गंभीर चोट पहुचाने के लिए दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 326 - खतरनाक
आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छापूर्वक घोर उपहति कारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 326क - एसिड हमले
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 326ख - एसिड हमला
करने का प्रयास
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 327 - संपत्ति या
मूल्यवान प्रतिभूति की जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने
के लिए स्वेच्छापूर्वक चोट पहुँचाना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 328 - अपराधकरने के आशय से विष इत्यादि द्वारा क्षति कारित करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 329 - सम्पत्ति
उद्दापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया घोर
उपहति कारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 330 - संस्वीकॄति
जबरन वसूली करने या विवश करके संपत्ति का प्रत्यावर्तन कराने के लिए स्वेच्छया
क्षति कारित करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 331 - संस्वीकॄति
उद्दापित करने के लिए या विवश करके सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन कराने के लिए
स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 332 - लोक सेवक अपने
कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 333 - लोक सेवक को
अपने कर्तव्यों से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छया घोर क्षति कारित करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 334 - प्रकोपन पर
स्वेच्छया क्षति करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 335 - प्रकोपन पर
स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 336 - दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा पहुँचाने वाला कार्य।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 337 - किसी कार्य
द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को
ख़तरा हो, चोट पहुँचाना कारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 338 - किसी कार्य
द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को
ख़तरा हो, गंभीर चोट पहुँचाना कारित करना
सदोष अवरोध तथा सदोष परिरोध के विषय मे
(Of Wrongful Restraint and
Wrongful Confinement)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 339 - सदोष अवरोध।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 340 - सदोष परिरोध या
गलत तरीके से प्रतिबंधित करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 341 - सदोष अवरोध के
लिए दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 342 - ग़लत तरीके से
प्रतिबंधित करने के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 343 - तीन या अधिक
दिनों के लिए सदोष परिरोध।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 344 - दस या अधिक
दिनों के लिए सदोष परिरोध।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 345 - ऐसे व्यक्ति का
सदोष परिरोध जिसके छोड़ने के लिए रिट निकल चुका है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 346 - गुप्त स्थान
में सदोष परिरोध।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 347 - सम्पत्ति की
जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए सदोष परिरोध।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 348 - संस्वीकॄति
उद्दापित करने के लिए या विवश करके सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन करने के लिए सदोष
परिरोध
अपराधिक बल और हमले के विषय
के विषय मे
(Of Criminal Force and Assault)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 349 - बल।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 350 - आपराधिक बल
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 351 - हमला।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 352 - गम्भीर प्रकोपन
के बिना हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 353 - लोक सेवक को
अपने कर्तव्य के निर्वहन से भयोपरत करने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354 - स्त्री की
लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
भारतीय दण्ड संहिता 1860की धारा 354क - यौन उत्पीड़न
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354ख - एक औरत नंगा
करने के इरादे के साथ कार्य
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354ग - छिप कर देखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354घ - पीछा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 355 - गम्भीर प्रकोपन
होने से अन्यथा किसी व्यक्ति का अनादर करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का
प्रयोग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 356 - हमला या
आपराधिक बल प्रयोग द्वारा किसी व्यक्ति द्वारा ले जाई जाने वाली संपत्ति की चोरी
का प्रयास।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 357 - किसी व्यक्ति
का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 358 - गम्भीर प्रकोपन
मिलने पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
व्यपहरण, अपहरण, दासत्व और बलातश्रम के
विषय मे
(Of Kidnapping, Abduction,
Slavery and Forced labour)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 359 - व्यपहरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 360 - भारत में से
व्यपहरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 361 - विधिपूर्ण
संरक्षकता में से व्यपहरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 362 - अपहरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 363 - व्यपहरण के लिए
दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 363क - भीख मांगने के
प्रयोजनों के लिए अप्राप्तवय का व्यपहरण का विकलांगीकरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 364 - हत्या करने के
लिए व्यपहरण या अपहरण करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 364क - फिरौती, आदि के लिए व्यपहरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 365 - किसी व्यक्ति
का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 366 - विवाह आदि के
करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को व्यपहृत करना, अपहृत
करना या उत्प्रेरित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 366क - अप्राप्तवय
लड़की का उपापन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 366ख - विदेश से
लड़की का आयात करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 367 - व्यक्ति को घोर
उपहति, दासत्व, आदि का विषय बनाने के
उद्देश्य से व्यपहरण या अपहरण।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 368 - व्यपहृत या
अपहृत व्यक्ति को गलत तरीके से छिपाना या क़ैद करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 369 - दस वर्ष से कम
आयु के शिशु के शरीर पर से चोरी करने के आशय से उसका व्यपहरण या अपहरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 370 - मानव तस्करी -
दास के रूप में किसी व्यक्ति को खरीदना या बेचना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 371 - दासों का
आभ्यासिक व्यवहार करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 372 - वेश्यावॄत्ति
आदि के प्रयोजन के लिए नाबालिग को बेचना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 373 - वेश्यावॄत्ति
आदि के प्रयोजन के लिए नाबालिग को खरीदना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 374 - विधिविरुद्ध
बलपूर्वक श्रम।
यौन अपराध के विषय मे
(Sexual Offences)
भारतीय दण्ड संहिता 1860की धारा 375 - बलात्संग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 376 - बलात्कार के
लिए दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 376क - पॄथक् कर दिए
जाने के दौरान किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ संभोग्र
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 376ख - लोक सेवक
द्वारा अपनी अभिरक्षा में की किसी स्त्री के साथ संभोग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 376ग - जेल, प्रतिप्रेषण गॄह आदि के अधीक्षक द्वारा संभोग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 376घ - अस्पताल के प्रबन्ध या कर्मचारिवॄन्द आदि के किसी सदस्य द्वारा उस अस्पताल में किसी स्त्री के साथ संभोग
प्रकृति विरूद्ध अपराधों
के विषय मे
(Of Unnatural Offences)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 377 - प्रकॄति विरुद्ध अपराध
अध्याय 17
सम्पत्ति कि विरूद्ध अपराधों
के विषय में
(Of Offences Property )
चोरी के विषय मे
(Of Theft)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 378 - चोरी
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 379 - चोरी के लिए
दंड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 380 - निवास-गॄह आदि
में चोरी
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 381 - लिपिक या सेवक
द्वारा स्वामी के कब्जे में संपत्ति की चोरी।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 382 - चोरी करने के
लिए मॄत्यु, क्षति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात्
चोरी करना।
उद्वपन के विषय मे
(Of Extortion)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 383 - उद्दापन / जबरन
वसूली
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 384 - ज़बरदस्ती
वसूली करने के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 385 - ज़बरदस्ती
वसूली के लिए किसी व्यक्ति को क्षति के भय में डालना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 386 - किसी व्यक्ति
को मॄत्यु या गंभीर आघात के भय में डालकर ज़बरदस्ती वसूली करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 387 - ज़बरदस्ती
वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को मॄत्यु या घोर आघात के भय में डालना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 388 - मॄत्यु या
आजीवन कारावास, आदि से दंडनीय अपराध का अभियोग लगाने की धमकी
देकर उद्दापन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 389 - जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को अपराध का आरोप लगाने के भय में डालना।
लूट और डकैती के
विषय मे
(Of Robbery and Dacoity)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 390 - लूट।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 391 - डकैती
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 392 - लूट के लिए
दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 393 - लूट करने का
प्रयत्न।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 394 - लूट करने में
स्वेच्छापूर्वक किसी को चोट पहुँचाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 395 - डकैती के लिए
दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 396 - हत्या सहित
डकैती।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 397 - मॄत्यु या घोर
आघात कारित करने के प्रयत्न के साथ लूट या डकैती।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 398 - घातक आयुध से
सज्जित होकर लूट या डकैती करने का प्रयत्न।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 399 - डकैती करने के
लिए तैयारी करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 400 - डाकुओं की टोली
का होने के लिए दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 401 - चोरों के गिरोह
का होने के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 402 - डकैती करने के
प्रयोजन से एकत्रित होना।
सम्पत्ति के आपराधिक दुर्विनियोग के विषय मे
(Of Criminal Misappropriation
of Property)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 403 - सम्पत्ति का
बेईमानी से गबन / दुरुपयोग।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 404 - मॄत व्यक्ति की
मॄत्यु के समय उसके कब्जे में सम्पत्ति का बेईमानी से गबन / दुरुपयोग।
आपराधिक न्यास भंग के
विषय मे
(Of Criminal Breach of Trust)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 405 - आपराधिक
विश्वासघात।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 406 - विश्वास का
आपराधिक हनन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 407 - कार्यवाहक,
आदि द्वारा आपराधिक विश्वासघात।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 408 - लिपिक या सेवक
द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 409 - लोक सेवक या
बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा विश्वास का
आपराधिक हनन
चुराई हुई सम्पत्ति प्राप्त करने के विषय मे
(Of the receiving of Stolen Property)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 410 - चुराई हुई
संपत्ति
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 411 - चुराई हुई
संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 412 - ऐसी संपत्ति को
बेईमानी से प्राप्त करना जो डकैती करने में चुराई गई है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860की धारा 413 - चुराई हुई
संपत्ति का अभ्यासतः व्यापार करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 414 - चुराई हुई
संपत्ति छिपाने में सहायता करना।
छल के विषय मे
(Of Cheating)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 415 - छल
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 416 - प्रतिरूपण
द्वारा छल
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 417 - छल के लिए
दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 418 - इस ज्ञान के
साथ छल करना कि उस व्यक्ति को सदोष हानि हो सकती है जिसका हित संरक्षित रखने के
लिए अपराधी आबद्ध है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 419 - प्रतिरूपण
द्वारा छल के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 420 - छल करना और
बेईमानी से बहुमूल्य वस्तु / संपत्ति देने के लिए प्रेरित करना
कपटपूर्ण विलेखों और समपत्ति व्ययनों के
विषय मे
(Of Fraudulent deeds and dispositions of
Property)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 421 - लेनदारों में
वितरण निवारित करने के लिए संपत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 422 - त्रऐंण को
लेनदारों के लिए उपलब्ध होने से बेईमानी से या कपटपूर्वक निवारित करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 423 - अन्तरण के ऐसे
विलेख का, जिसमें प्रतिफल के संबंध में मिथ्या कथन
अन्तर्विष्ट है, बेईमानी से या कपटपूर्वक निष्पादन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 424 - सम्पत्ति का
बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना
रिष्टि के विषय मे
(Of Mischief)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 425 - रिष्टि / कुचेष्टा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 426 - रिष्टि के लिए
दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 427 - कुचेष्टा जिससे
पचास रुपए का नुकसान होता है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 428 - दस रुपए के
मूल्य के जीवजन्तु को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 429 - किसी मूल्य के
ढोर, आदि को या पचास रुपए के मूल्य के किसी जीवजन्तु का वध
करने या उसे विकलांग करने आदि द्वारा कुचेष्टा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 430 - सिंचन संकर्म
को क्षति करने या जल को दोषपूर्वक मोड़ने द्वारा रिष्टि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 431 - लोक सड़क,
पुल, नदी या जलसरणी को क्षति पहुंचाकर रिष्टि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 432 - लोक जल निकास
में नुकसानप्रद जलप्लावन या बाधा कारित करने द्वारा रिष्टि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 433 - किसी दीपगॄह या
समुद्री-चिह्न को नष्ट करके, हटाकर या कम उपयोगी बनाकर
रिष्टि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 434 - लोक प्राधिकारी
द्वारा लगाए गए भूमि चिह्न के नष्ट करने या हटाने आदि द्वारा रिष्टि
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 435 - सौ रुपए का या
(कॄषि उपज की दशा में) दस रुपए का नुकसान कारित करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक
पदार्थ द्वारा कुचेष्टा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 436 - गॄह आदि को
नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा कुचेष्टा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 437 - किसी तल्लायुक्त
या बीस टन बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या असुरक्षित बनाने के आशय से कुचेष्टा।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 438 - धारा 437
में वर्णित अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा की गई कुचेष्टा के लिए
दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 439 - चोरी, आदि करने के आशय से जलयान को साशय भूमि या किनारे पर चढ़ा देने के लिए
दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 440 - मॄत्यु या
उपहति कारित करने की तैयारी के पश्चात् की गई रिष्टि
आपराधिक अतिचार के
विषय मे
(Of Criminal Trespass)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 441 - आपराधिक
अतिचार।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 442 - गॄह-अतिचार
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 443 - प्रच्छन्न
गॄह-अतिचार
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 444 - रात्रौ
प्रच्छन्न गॄह-अतिचार
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 445 - गॄह-भेदन।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 446 - रात्रौ
गॄह-भेदन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 447 - आपराधिक अतिचार
के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 448 - गॄह-अतिचार के
लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 449 - मॄत्यु से
दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गॄह-अतिचार
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 450 - अपजीवन कारावास
से दंडनीय अपराध को करने के लिए गॄह-अतिचार
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 451 - कारावास से
दण्डनीय अपराध को करने के लिए गॄह-अतिचार।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 452 - बिना अनुमति घर
में घुसना, चोट पहुंचाने के लिए हमले की तैयारी, हमला या गलत तरीके से दबाव बनाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 453 - प्रच्छन्न
गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन के लिए दंड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 454 - कारावास से
दण्डनीय अपराध करने के लिए छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की
धारा 455
- उपहति, हमले या सदोष अवरोध की तैयारी के
पश्चात् प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 456 - रात में छिप कर
गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 457 - कारावास से
दण्डनीय अपराध करने के लिए रात में छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 458 - क्षति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के करके रात में गॄह-अतिचार।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 459 - प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करते समय घोर उपहति कारित हो
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 460 - रात्रौ
प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या रात्रौ गॄह-भेदन में संयुक्ततः सम्पॄक्त समस्त व्यक्ति
दंडनीय हैं, जबकि उनमें से एक द्वारा मॄत्यु या घोर उपहति
कारित हो
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 461 - ऐसे पात्र को,
जिसमें संपत्ति है, बेईमानी से तोड़कर खोलना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 462 - उसी अपराध के लिए दंड, जब कि वह ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया है जिसे अभिरक्षा न्यस्त की गई है
अध्याय 18
दस्तावेजों और सम्पत्ति चिन्हों संबंधी अपराधें के विषय
में
(Of Offences Relating to Documents And
Property Marks )
दस्तावेजों के संबंध में
(Relating to Documents)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 463 - कूटरचना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 464 - मिथ्या
दस्तावेज रचना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 465 - कूटरचना के लिए
दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 466 - न्यायालय के
अभिलेख की या लोक रजिस्टर आदि की कूटरचना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 467 - मूल्यवान
प्रतिभूति, वसीयत, इत्यादि की कूटरचना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 468 - छल के प्रयोजन
से कूटरचना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 469 - ख्याति को
अपहानि पहुंचाने के आशय से कूटरचन्न
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 470 - कूटरचित 2[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेखट
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 471 - कूटरचित
दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख का असली के रूप में उपयोग में लाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 472 - धारा 467
के अधीन दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकॄत मुद्रा, आदि का बनाना या कब्जे में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 473 - अन्यथा दण्डनीय
कूटरचना करने के आशय से कूटकॄत मुद्रा, आदि का बनाना या
कब्जे में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 474 - धारा 466
या 467 में वर्णित दस्तावेज को, उसे कूटरचित जानते हुए और उसे असली के रूप में उपयोग में लाने का आशय रखते
हुए, कब्जे में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 475 - धारा 467
में वर्णित दस्तावेजों के अधिप्रमाणीकरण के लिए उपयोग में लाई जाने
वाली अभिलक्षणा या चिह्न की कूटकॄति बनाना या कूटकॄत चिह्नयुक्त पदार्थ को कब्जे
में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 476 - धारा 467
में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न दस्तावेजों के अधिप्रमाणीकरण के लिए
उपयोग में लाई जाने वाली अभिलक्षणा या चिह्न की कूटकॄति बनाना या कूटकॄत
चिह्नयुक्त पदार्थ को कब्जे में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 477 - विल, दत्तकग्रहण प्राधिकार-पत्र या मूल्यवान प्रतिभूति को कपटपूर्वक रदद््,
नष्ट, आदि करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 477क - लेखा का
मिथ्याकरण
सम्पत्ति चिनहों और अन्य चिन्हों के विषय में
(Of Property And Other Marks)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 478 - व्यापार चिह्न
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 479 - सम्पत्ति-चिह्न
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 480 - मिथ्या व्यापार
चिह्न का प्रयोग किया जाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 481 - मिथ्या
सम्पत्ति-चिह्न को उपयोग में लाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 482 - मिथ्या
सम्पत्ति-चिह्न को उपयोग करने के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 483 - अन्य व्यक्ति
द्वारा उपयोग में लाए गए सम्पत्ति चिह्न का कूटकरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 484 - लोक सेवक
द्वारा उपयोग में लाए गए चिह्न का कूटकरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 485 - सम्पत्ति-चिह्न
के कूटकरण के लिए कोई उपकरण बनाना या उस पर कब्जा
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 486 - कूटकॄत
सम्पत्ति-चिह्न से चिन्हित माल का विक्रय
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 487 - किसी ऐसे पात्र
के ऊपर मिथ्या चिह्न बनाना जिसमें माल रखा है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 488 - किसी ऐसे
मिथ्या चिह्न को उपयोग में लाने के लिए दण्ड
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 489 - क्षति कारित
करने के आशय से सम्पत्ति-चिह्न को बिगाड़ना
करेन्सी नोटों और बैक नोटों के विषय में
(Of Currency Notes and Bank Notes)
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 489क - करेन्सी नोटों
या बैंक नोटों का कूटकरण
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 489ख - कूटरचित या
कूटकॄत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को असली के रूप में उपयोग में लाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 489ग - कूटरचित या
कूटकॄत करेन्सी नोटों या बैंक नोटों को कब्जे में रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 489घ - करेन्सी नोटों
या बैंक नोटों की कूटरचना या कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री बनाना या कब्जे में
रखना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 489ङ - करेन्सी नोटों या बैंक नोटों से सदृश्य रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग
अध्याय 19
सेवा संविदाओं के आपराधिक भंग के विषय में
(Of The Criminal Breach of contracts of
Services )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 490 - समुद्र यात्रा
या यात्रा के दौरान सेवा भंग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 491 - असहाय व्यक्ति
की परिचर्या करने की और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की संविदा का भंग
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 492 -
दूर वाले स्थान पर सेवा करने का संविदा भंग जहां सेवक को मालिक के
खर्चे पर ले जाया जाता है
अध्याय 20
विवाह संबंधी अपराधों के विषय में
(Of Offences Relating to Marriage )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 493 -
विधिपूर्ण विवाह का धोखे से विश्वास उत्प्रेरित करने वाले पुरुष
द्वारा कारित सहवास।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 494 -
पति या पत्नी के जीवनकाल में पुनः विवाह करना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 495 -
वही अपराध पूर्ववर्ती विवाह को उस व्यक्ति से छिपाकर जिसके साथ
आगामी विवाह किया जाता है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 496 -
विधिपूर्ण विवाह के बिना कपटपूर्वक विवाह कर्म पूरा करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 497 -
व्यभिचार
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 498 -
विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या निरुद्ध रखना
अध्याय 20 क
पति या पति के नातेदारों द्वारा क्रूरता के विषय में
(Of Cruelty by Husband of Relatives of
Husband )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 498A - किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करना
अध्याय 21
मानहानि के विषय में
(Of Defamation )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 500 -
मानहानि के लिए दण्ड।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 501 -
मानहानिकारक जानी हुई बात को मुद्रित या उत्कीर्ण करना।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 502 -
मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण सामग्री का बेचना।
अध्याय 22
आपराधिक अभित्रास, अपमान और क्षोप के विषय में
(Of Criminal Intimidation insult and
Annoyance )
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 503 -
आपराधिक अभित्रास।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 505 -
लोक रिष्टिकारक वक्तव्य।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 506 -
धमकाना
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 507 -
अनाम संसूचना द्वारा आपराधिक अभित्रास।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 508
- व्यक्ति को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करके कि वह दैवी
अप्रसाद का भाजन होगा कराया गया कार्य
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 509 -
शब्द, अंगविक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की
लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित है
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 510 -
शराबी व्यक्ति द्वारा लोक स्थान में दुराचार।
अध्याय 23
आपराधों को करने के प्रयत्नों के विषय में
(Of Attempts to Commit Offences )
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